गाजियाबाद। राखी पहलवान का आमरण अनशन आज सातवें दिन में प्रवेश कर चुका है। छठे दिन प्रशासन ने ससुराल पक्ष के कुछ सदस्यों से राखी की मुलाकात कराने की कोशिश की, लेकिन ससुर जी की अनुपस्थिति के कारण यह प्रयास नाकाम रहा। राखी ने बार-बार जोर दिया कि उनके ससुर, जो घर के मुखिया हैं, वार्ता में शामिल हों, क्योंकि उनके बिना कोई समाधान संभव नहीं। हालांकि, ससुर जी की अनुपस्थिति के कारण स्पष्ट नहीं हो सके, जिससे राखी की न्याय की आस अधर में लटक गई।
राखी ने आरोप लगाया है कि ससुराल वालों ने उन्हें बिना कारण बताए अपमानजनक तरीके से घर से निकाल दिया। राखी का कहना है, "मुझे मेरी गलती बताई जाए। अगर मेरी गलती माफी के लायक नहीं है, तो मैं समाज के सामने तलाक दे दूंगी। लेकिन अगर ससुराल पक्ष मेरी गलती साबित नहीं कर पाता, तो मुझे सम्मान के साथ घर वापस लिया जाए।" उन्होंने कविनगर एसीपी से कई बार अपील की कि उनके ससुर जी को वार्ता में शामिल किया जाए, लेकिन कुछ कारणों से वे नहीं आ सके सुसराल पक्ष की और से राखी के पति भुवनेश सास और उनके जेठ वार्ता के लिए थाने पहुंचे लेकिन कई घंटों की कोशिशों के बाद भी बात नहीं बनी।
राखी का दर्द उनकी बातों से साफ झलकता है। उन्होंने कहा, "छह दिन बीत गए, लेकिन प्रशासन मेरी एक भी मांग पूरी नहीं कर पाया। यह लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि उन लाखों महिलाओं की है जो अन्याय सह रही हैं।" राखी के समर्थन में सामाजिक संगठन और स्थानीय लोग जुट रहे हैं। दूसरी ओर, उनके पति भुवनेश शर्मा का कहना है कि राखी उनके साथ मारपीट और अभद्र व्यवहार करती थी, जिसके चलते उन्होंने तलाक का केस दायर किया है। वे कोर्ट के फैसले को मानने को तैयार हैं।
प्रशासन और पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। राखी ने स्पष्ट किया कि वे न्याय मिलने तक अनशन जारी रखेंगी। सवाल यह है कि क्या राखी को इंसाफ मिलेगा या यह आंदोलन और लंबा खिंचेगा?



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