पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी की दो पत्नियां मानी जाती हैं, जिनके नाम रिद्धि और सिद्धि हैं। इन दोनों से उनके पुत्र शुभ और लाभ माने जाते हैं।

पौराणिक कथा और  लोक कथाओं के अनुसार गणेश जी का विवाह दो कन्याओं रिद्धि और सिद्धि से हुआ था, जो प्रजापति विश्वकर्मा की पुत्रियां मानी जाती हैं।

इन दोनों पत्नियों के अलावा किसी अन्य पत्नी का उल्लेख सामान्य ग्रंथों में नहीं मिलता है लेकिन कुछ लोक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी की पत्नियों की संख्या पांच - रिद्धि, सिद्धि, श्री, तुष्टि, पुष्टि बताई गई है, लेकिन सर्वमान्य और शास्त्र प्रमाणित कथाओं में रिद्धि और सिद्धि को ही उनकी पत्नियां बताया गया है।

रिद्धि और सिद्धि के पुत्रों का नाम शुभ और लाभ है। रिद्धि से शुभ और सिद्धि से लाभ नामक पुत्र उत्पन्न हुए।

ये दोनों पुत्र समृद्धि और शुभता के प्रतीक माने जाते हैं और इन  दोनों पुत्रों के नाम गणेश पूजा में स्वास्तिक के दोनों ओर लिखे जाने की परंपरा है।

(आलेख : पुनीत माथुर ’परवाज़’)

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