ग़ाज़ियाबाद : बृजेश श्रीवास्तव। बुधवार 27 दिसम्बर को संदीप त्यागी रसम ने वरिष्ठ भाजपा नेता क्षेत्रीय पदाधिकारी, भाजपा महानगर के पूर्व अध्यक्ष मानसिंह गोस्वामी से भेंट कर निवेदन पत्र दिया। ग़ाज़ियाबाद का नाम गजप्रस्थ हो इस सम्बन्ध में संदीप त्यागी रसम के नेतृत्व में चल रहे अभियान की जानकारी दी। पूरे जिले में बूथ स्तर पर घर घर दस्तक देते हुए हस्ताक्षर कराये जा रहे हैं।

महापौर सुनीता दयाल व नगर निगम के समस्त पार्षदों सहित सभी विधायक व स्थानीय सांसद केन्द्रीय मंत्री वीके सिंह से संदीप त्यागी रसम ने समस्त नागरिकों की तरफ से इस अवसर पर अपील करते हुए कहा कि ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए नगर निगम से अत्याचारी के नाम को महिमा मंडित करते नाम गाजियाबाद को हटाने के समर्थन में प्रस्ताव शासन को भेजें।

मानसिंह गोस्वामी ने इस विषय को अपने स्तर से उठाने का आश्वासन दिया। 

गाजियाबाद का नाम बदलने की प्रकिया को लेकर पंडित अशोक भारतीय ने कहा जब हमारा भारत गुलाम था तो विभिन्न जगह के नाम अत्याचारी आक्रांताओं ने बदल दिए। ताकि भारत अपनी संस्कृति से कटा हुआ राष्ट्र लगे। आज भारत गुलाम नहीं है तो गाजियाबाद का पुराना नाम वापस होना चाहिए। इसे गजप्रस्थ रखा जाना उचित होगा। इस सन्दर्भ मे संदीप त्यागी रसम के नेतृत्व में बहुत समय से यह अभियान चल रहा है। जिसमें सैकड़ों प्रमुख संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। पता नहीं अत्याचारी के नाम पर इस नाम को बनाए रखकर सरकार किसको खुश करना चाहती है। हम शहरवासियों का यह अभियान लक्ष्य पाने तक चलता रहेगा। 

संदीप त्यागी रसम ने अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ व फिरोजाबाद का नाम चन्द्र नगर का प्रस्ताव स्थानीय नगर निगम द्वारा पारित करने पर नगर निगम के प्रतिनिधियों को बधाई दी

इस अवसर पर एडवोकेट संदीप त्यागी रसम ने बताया कि 1740 ईस्वी में गाजिउ्द्दीन नाम के व्यक्ति ने इस क्षेत्र के निवासी हमारे आपके पूर्वजो पर अत्याचार करते हुए इस स्थान का नाम गजप्रस्थ से गाजिउद्दीन नगर कर दिया। जिसे 1857 की क्रांति के बाद पुनः ब्रिटिश सरकार ने 18वी सदी के उत्तरार्ध में बदलकर गाजियाबाद कर दिया। 

इस प्रकार आज इस नगर के केवल 283 वर्ष के इतिहास को ही देखें तो यह तीसरा नाम चल रहा है जिसे पहले वाले नाम पर वापस लौटाने का निवेदन है। 

उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन है कि अत्याचारियों को सम्मानित करती मानसिकता को समाज से निकाल बाहर करने का ऐलान करें।

गाजियाबाद नाम को बदलते हुए पुराना नाम वापस करें। यही जन भावनाओं व अत्याचार सहने वाले पूर्वजों को सही अर्थों में सम्मान देने का कार्य होगा। 

इस अवसर पर अभियान संयोजक एडवोकेट संदीप त्यागी रसम के साथ व्यापारी नेता पंडित अशोक भारतीय, राकेश गुप्ता, सुनील चौधरी आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।



Share To:

Post A Comment: