ग़ाज़ियाबाद : बुधवार 28 मई को उद्योग व्यापार मण्डल के अध्यक्ष अवधेश शर्मा द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया जिसमें उन्होंने निगम के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा किए जा रहे जनता के शोषण की ओर ध्यान आकृष्ट किया कि आपके अथक प्रयासों से प्रदेश वासियों का भविष्य सुधारने के लिए और भाजपा की जड़ों को जन जन तक मजबूत करने के लिए जो एक उन्नति का वृक्ष लगाया गया है। उसकी जड़ों में निगम के जनप्रतिनिधि और अधिकारी तेजाब डालने का कार्य रहे हैं। 

आज निगम आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। बजट का 40% पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है जिसकी शिकायत कहीं भी करें लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती। किंतु विभिन्न प्रयोगों के माध्यम से निगम के कोष को हानि पहुंचाई जा रही है। आपके द्वारा जारी शासनादेशों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जाता है। ग़ाज़ियाबाद की जनता आपकी और देखकर त्राहिमाम त्राहिमाम चिल्ला रही है। 

निगम के लगभग सभी विभागों में 70% अधिकारी अपना कार्यकाल पूर्ण करने के पश्चात भी जमे बैठे हैं। निगम द्वारा प्राइवेट संस्था से जोनवार सर्वे कराया गया था। रिपोर्ट के अनुसार सभी 100 वार्डों में लगभग 50% से ज्यादा घरों पर हाउस टैक्स नहीं लगा। अधिकारियों ने उन बची हुई संपत्तियों को गृह कर के दायरे में ना लाकर तानाशाही कर जो 50% लोग पहले से ही भरपूर गृहकर दे रहे हैं उन्ही पर 16/5/2025 को एक साथ पांच गुना कर वृध्दि कर दी और 10 दिन बाद ही 26/3/2025 को बगैर सदन की बैठक बुलाए बिना राज्य सरकार से अनुमति मांगे गृहकर की वृद्धि को दोगुना कर दिया जो कि 2018 से प्रतिवर्ष 10% की दर से हाउस टैक्स बढ़ाया जाता रहा है। उसका जनता ने कभी विरोध नहीं किया। उसके बावजूद 2 गुना घर गृहकर की वृद्धि बिल्कुल ही नाजायज है। 

यह निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों द्वारा सरकार की साख गिराने की बहुत बड़ी साजिश है क्योंकि जब गृहकर दुगना होता है तो मकान मालिक और दुकान मालिक सब अपने किराए बढ़ाएगें। गरीब आदमी पर इसकी मार पडने से सरकार की छवि खराब होगी। कृपया गृहकर वृद्धि को 10% सालाना वृद्धि तक सीमित रखने का आदेश जारी करें। 

ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से संग्राम सिंह, कपिल सक्सेना, तिलक राज अरोड़ा, दिनेश जमदग्नि आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।



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