देश भर में पहलगाम में आतंकवादियों के कुकृत्यों पर बहुत रोष है, सभी का मानना है कि हमें एकजुट होकर आतंकवादियों को सबक सिखाना जरूरी है।

इसी भावना को व्यक्त करती है लोकप्रिय कवयित्री किरण पाण्डेय जी, गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) की ये कविता....


फन को अभी कुचलना होगा,सुन लो यह सरकार। 

धर्म पूछ कर हत्या करते,असहायों पर वार।।


केसर वाले बागानों में, बहती मस्त समीर।

आकर्षित करता है सबको, जन्नत सा कश्मीर।।


देख अधर्मी आँख खोलकर,खून बहा है लाल।

कुमकुम नोंचा माँ-बहनों का, बहुत बुरा है हाल।।


दिल में ज्वाला धधक उठी है,अश्रु भरे हैं नैन। 

खूँ का बदला खूँ से लेंगे, तभी मिलेगा चैन।।


बिलख रही घर की दीवारें,आँसू बह नर-नार।

भीषण नरसंहार हुआ तो, जन-जीवन बेजार।।

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