ग़ाज़ियाबाद। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं में कार्यरत इंदिरापुरम के वरिष्ठ समाजसेवी महेश नेगी ने परिवार में बुजुर्गों की स्थिति और उनके सम्मान पर अपने विचार चैनल से साझा किए। 

महेश नेगी ने कहा कि बचपन में स्कूलों में जब इनाम के तौर पर इंकपॉट स्याही की दवात पेंसिल और कॉपी मिलती थी। वहीं बड़े होने पर अनेक सामाजिक संस्थाओं के द्वारा सम्मानित करना हो या समाज के अनेक पटल पर जब काम करते हैं इन पुरस्कारों से नवाजा जाता है तो बहुत खुशी होती है। परंतु अभी भी मेरा सपना अधूरा है। सम्मानित होने पर गर्व मुझे तब महसूस होगा जब मेरे हिंदुस्तान के सभी बुजुर्ग माता पिता एवम सभी बहनों एवं सभी नागरिकों का जीवन सरल एवं सुख सुविधा स्वास्थ्य चिकित्सा खानपान रहन सहन जो भी लोग कठिन सा जीवन यापन कर रहे हैं उन सब का जीवन जब सुखमय होगा तभी हमारा उद्देश्य पूरा होगा। 

महेश नेगी ने कहा कि मेरा सबसे बड़ा सपना है जब बुजुर्ग दंपति 60 साल के हों तब घर में खुशी का उत्सव मनाया जाए। जैसे बच्चे के जन्म पर होता है। आओ हम सब मिलकर माता पिता जब भी 60 साल की उम्र पार करें। तब घर घर में खुशी का महोत्सव हो। जैसे माता-पिता अपने बच्चे की परवरिश करते हैं। वैसे ही बुजुर्ग माता-पिता की परवरिश होनी चाहिए। तभी हम सम्मान पाने के असली हकदार होंगे।

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