नई दिल्ली : पुनीत माथुर। न्यूज़ लाइव टुडे के साहित्य सरोवर में आज प्रस्तुत है प्रयागराज की युवा कवियत्री मोनिका त्रिपाठी की लघु कविता 'बूंद का वजूद'। जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर सुंदर रचनाएं लिखने में दक्ष मोनिका पेशे से अध्यापिका हैं और हिंदी व अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में लिखती हैं। 

बूंद का वजूद 

बादल से एक बूंद जा गिरी
बारिश से जा मिली
उसने पूछा
मेरा वजूद है क्या

बारिश ने कहा मुझे नहीं पता
शायद सागर को होगा पता
गिरते हुए सोच रही थी भला
नियति को क्या है बदा

ए सागर तू ही मुझे बता
मेरा वजूद है क्या
सागर ने कहा विशेष नक्षत्र पर गिरी
तुम मोती बनने का सबब

सर्प के मुख जहर जा बनी
बूंद - बूंद से मैं हूं बनता
बूंद को पता यह चला
उसका असल वजूद है क्या


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