नई दिल्ली : पुनीत माथुर। न्यूज़ लाईव टुडे के सहित्य सरोवर में आज पेश है दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे, बिलासपुर के शहडोल स्टेशन पर कार्यरत व कटनी निवासी डी एल बर्मन की एक खूबसूरत ग़ज़ल।

एक ग़ज़ल

ख़ुद में रह कर वक़्त बिताओ तो अच्छा है,
ख़ुद का परिचय ख़ुद से कराओ तो अच्छा है।

इस दुनिया की भीड़ में चलने से तो बेहतर,
ख़ुद के साथ में घूमने जाओ तो अच्छा है।

अपने घर के रोशन दीपक देख लिए अब,
ख़ुद के अन्दर दीप जलाओ तो अच्छा है।

तेरी, मेरी इसकी उसकी छोडो भी अब,
ख़ुद से ख़ुद की शक्ल मिलाओ तो अच्छा है।

जिस्म को महकाने में सारी उम्र काट ली,
रूह को अब अपनी महकाओ तो अच्छा है।

दुनिया भर में घूम लिए हो जी भर के अब,
वापस ख़ुद में लौट के आओ तो अच्छा है।

तन्हाई में खामोशी के साथ बैठ कर,
ख़ुद को ख़ुद की ग़ज़ल सुनाओ तो अच्छा है।
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