दिल्ली : बृजेश श्रीवास्तव। दिल्ली की शांति उस समय भंग हो गई जब सोमवार शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास खड़ी एक कार में अचानक जोरदार धमाका हुआ। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि आस-पास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई। देखते ही देखते इलाके में धुआं फैल गया और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। बताया जा रहा है कि धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि पास स्थित लाल मंदिर के शीशे टूट गए और आसपास की दुकानों के दरवाजे और खिड़कियां क्षतिग्रस्त हो गईं।

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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाके के तुरंत बाद कई दुकानों में आग लग गई। लाल किला से लेकर चांदनी चौक और भागीरथ पैलेस इलाके तक कंपन महसूस किया गया। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि अचानक सबकुछ हिल गया और धुएं का गुबार उठता दिखाई दिया। पुलिस और दमकल विभाग को तुरंत मौके पर बुलाया गया, जिन्होंने आग पर काबू पाया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल इलाके को पूरी तरह से घेर लिया गया है और बम निरोधक दस्ते द्वारा जांच जारी है।

यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली धमाकों से दहली हो। इससे पहले भी कई बार आतंकियों ने राजधानी को निशाना बनाया है। साल 2005 में दिवाली से पहले हुए सीरियल ब्लास्ट ने सैकड़ों लोगों की जान ली थी। 2008 में दिल्ली के कनॉट प्लेस, करोल बाग और मेट्रो स्टेशनों पर हुए धमाकों ने शहर को दहला दिया था। आज फिर लाल किला मेट्रो के पास हुआ यह विस्फोट उन दर्दनाक यादों को ताज़ा कर गया है, जब राजधानी की गलियों में दहशत का माहौल था।

धमाके के बाद दिल्ली पुलिस ने तुरंत पूरे इलाके को सील कर दिया है। एनएसजी और एनआईए की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि कार में विस्फोटक पदार्थ रखा गया था, जो किसी तकनीकी कारण या रिमोट डिवाइस से सक्रिय हुआ। हालांकि, पुलिस अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। सभी CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं और चश्मदीदों के बयान लिए जा रहे हैं।

दिल्ली पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। शहर के प्रमुख स्थानों, मेट्रो स्टेशनों और बाजारों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। लाल किला और उसके आसपास के इलाके में प्रवेश अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुआ यह धमाका एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। जांच एजेंसियां मामले की तहकीकात में जुटी हैं और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सच्चाई सामने आएगी। इस बीच दिल्लीवासी दहशत और बेचैनी के माहौल में हैं, लेकिन सभी की निगाहें सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई पर टिकी हैं।



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