चंडीगढ़। हरियाणा के सीनियर आईपीएस ऑफिसर वाई पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को सुसाइड कर लिया था। उन्होंने चंडीगढ़ के सेक्टर 11, कोठी नंबर 116 स्थित अपने सरकारी आवास पर ख़ुद को गोली मार ली थी। वाई पूरन कुमार ADGP रैंक के अधिकारी थे।

जांच के बाद पुलिस ने आईपीएस वाई पूरन कुमार आत्महत्या मामले में डीजीपी शत्रुजीत कपूर समेत 14 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी/एसटी एक्ट के तहत हुई है। पीड़ित परिवार के दबाव और मुख्यमंत्री की सक्रियता के बाद यह कदम उठाया गया है: -

1. शत्रुजीत कपूर, डीजीपी हरियाणा

2. अमिताभढिल्लों, एडीजीपी

3. संजय कुमार, एडीजीपी, 1997 बैच

4. पंकज नैन, आईजीपी 2007 बैच

5. कला रामचंद्रन, आईपीएस, 1994 बैच

6. संदीप खिरवार, आईपीएस 1995 बैच

7. सिबाश कविराज, आईपीएस 1999 बैच

8. मनोज यादव, पूर्व डीजीपी, आईपीएस 1988 बैच

9. पीकेअग्रवाल, पूर्व डीजीपी, आईपीएस 1988 बैच

10. टीवीएसएन प्रसाद, आईएएस 1988 बैच

11. नरेंद्र बिजारणिया, एसपी रोहतक

12. राजीव अरोड़ा, पूर्व एसीएस

13. कुलिवंदर सिंह, आईजी मधुवन

14. माटा रवि किरन, एडीजीपी, करनाल रेंज

हरियाणा में यह पहला मामला है जब सरकार चलाने वाले टॉप अधिकारियों पर एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई की गई है।

घटना के बाद पुलिस विभाग में भय व्याप्त है। चर्चा है कि जब बड़े अधिकारियों के उत्पीड़न से एक IPS ऑफिसर ने आत्महत्या कर ली तो नीचे के पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों का क्या हाल होगा।



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