ग़ाज़ियाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) गाजियाबाद विभाग द्वारा ऐतिहासिक शताब्दी वर्ष के अवसर पर बस्ती-सह विजयादशमी उत्सव का आयोजन किया गया। यह आयोजन संघ के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो इसके स्थापना के बाद से ही राष्ट्र सेवा और सामाजिक समरसता के लिए काम कर रहा है।
विजयदशमी उत्सव का महत्व: -
विजयादशमी के दिन भगवान श्री राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी, जो बुराई और अधर्म का प्रतीक था। यह विजय न केवल भगवान श्री राम की व्यक्तिगत जीत थी, बल्कि यह सत्य और धर्म की जीत का भी प्रतीक है। यह उत्सव हमें सत्य, न्याय और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
इसके साथ विजयदशमी का उत्सव संघ के लिए भी विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह संघ के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। संघ अपने स्थापना के बाद से ही राष्ट्र सेवा और सामाजिक समरसता के लिए काम कर रहा है और विजयादशमी का उत्सव हमें इस कार्य में और अधिक प्रेरित करता है।
संघ के सौ वर्षों की यात्रा: -
संघ ने अपने सौ वर्षों की यात्रा में राष्ट्र निर्माण और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। संघ ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने कार्य के माध्यम से समाज को एक नई दिशा देने का प्रयास किया है।
कार्यक्रम के मुख्य बिंदु: -
- विजयदशमी उत्सव का आयोजन: संघ के सौवें वर्ष के अवसर पर विजयादशमी उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें शस्त्र पूजन का भी विशेष महत्व हैं ।
- राष्ट्र सेवा और सामाजिक समरसता: संघ के स्वयंसेवक और समर्थक राष्ट्र सेवा और सामाजिक समरसता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराएंगे।
- संघ के कार्यों का प्रदर्शन: संघ के विभिन्न कार्यों का प्रदर्शन किया गया, जो समाज के विभिन्न वर्गों के लिए किए जा रहे हैं।
- पंच परिवर्तन पर विशेष चर्चा: आज के सभी कार्यक्रमों में मुख्य वक्ताओं ने पंच परिवर्तन पर विशेष उद्बोधन दिया और बताया कि संघ क्यों इसको एक महत्वपूर्ण कार्य मानता है और इसके माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहा है।
- प्रदर्शनी का आयोजन: सभी बस्तियों ने अपने कार्यक्रमों में एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया, जिसमें मुख्य रूप से विशिष्ट स्वयंसेवकों और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के जीवन के बारे में चर्चा की गई और उनसे संघ के बारे में जानकारी दी गई। इसके साथ ही साथ संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के संघ के प्रति समर्पण और उनकी भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया।
पंच परिवर्तन के पाँच लक्ष्य: -
पंच परिवर्तन के माध्यम से संघ समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहा है। इसके पाँच प्रमुख लक्ष्य हैं: -
- पर्यावरण संरक्षण: पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाना और लोगों को इसके प्रति प्रेरित करना।
- सामाजिक समरसता: समाज में समरसता और एकता को बढ़ावा देना और सामाजिक भेदभाव को दूर करना।
- आत्मनिर्भरता: समाज को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करना।
- पारिवारिक मूल्य: पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देना और परिवार को मजबूत बनाने के लिए कार्य करना।
- नागरिक उत्तरदायित्व: नागरिकों में सामाजिक और राष्ट्रीय उत्तरदायित्व की भावना जगाना और उन्हें इसके प्रति प्रेरित करना।
कार्यक्रम के विवरण: -
प्रशासनिक दृष्टि से गाजियाबाद जिले में चार महानगर इकाइयाँ हैं जो गाजियाबाद जिला, गाजियाबाद महानगर, वैशाली महानगर और हरनंदी महानगर के नाम से जाने जाते हैं। चारों महानगरों के लगभग सभी प्रमुख स्थानों पर भी ये कार्यक्रम संपन्न हुए हैं।
इन कार्यक्रमों में उपस्थित स्वयंसेवकों को प्रेरणा और नई ऊर्जा मिली, जब अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार गाजियाबाद में, क्षेत्र संपर्क प्रमुख आनंद इंदिरापुरम में, प्रांत सह व्यवस्था प्रमुख अजय वैशाली में, विभाग बौद्धिक शिक्षण प्रमुख चन्द्रभानु मुरादनगर सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने ओजस्वी उद्बोधन दिया।
बौद्धिक वक्ताओं ने पंच परिवर्तन के साथ साथ संघ के लक्ष्य, अखंड भारत, गुलामी की मानसिकता और समाज को उससे उबारना, हिंदू समाज को एकत्र करने पर स्वयंसेवकों को प्रेरित किया ।





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