जितिया मिलन समारोह में उपस्थित’सखी बहिनपा मिथिलानी समूह’ की सखियां

मधुबनी : प्रियंका झा। मिथिला हाट, झंझारपुर में रविवार को ’सखी बहिनपा मिथिलानी समूह’ द्वारा लोक पर्व जितिया मिलन समारोह आयोजित किया गया।  

वीरगंज, नेपाल की समाजसेवी आरती झा जी ने इस समूह की स्थापना की और आज देश विदेश से लाखों की संख्या में मिथिलानी इस संगठन से जुड़ी हुई हैं। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य है अपनी मिथिला संस्कृति एवं यहां के लोक पर्वों का महत्व बताना, मिथिलाक्षर सीखना एवं मैथिली भाषा का प्रचार प्रसार । 

मिथिला हाट, झंझारपुर स्थित आयोजन स्थल

इस समूह के कई महत्वपूर्ण कार्य एवं उपलब्धियां रही हैं जिनमें संसद में मैथिली भाषा में संविधान का अनुवाद शामिल है।

मिथिला हाट में आयोजित इस सामूहिक कार्यक्रम में सहरसा, मधुबनी, दरभंगा, धनबाद एवं सीतामढ़ी इकाई से जुड़ी सभी सदस्याओं ने भाग लिया। 

विभिन्न इकाइयों की सखियां 

मधुबनी इकाई की अंबे मिश्रा जी इस कार्यक्रम की संयोजिका थीं । दीप प्रज्वलन कार्यक्रम के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई जिसमें सबसे पहले मैथिल कवि विद्यापति जी द्वारा रचित 'जय जय भैरवी' गीत को सामूहिक रूप से गाया गया। 

तत्पश्चात सहरसा इकाई की संयोजिका नमिता झा जी ने जितिया पर्व के महत्व को दर्शाता हुआ स्वरचित जितिया गीत गाया । 

विभिन्न इकाइयों की सखियां

इस कार्यक्रम में जितनी भी मिथिलानियों ने भाग लिया था सबने अपना परिचय देते हुए इस संगठन में जुड़ने के उद्देश्य को बताया। 

सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद सभी ने नौका विहार का आनंद लेते हुए मिथिला के पारंपरिक व्यंजनों का भी आनंद लिया। 

आयोजन में परोसे गए स्वादिष्ट पारंपरिक व्यंजन

कार्यक्रम में सौराठ, मधुबनी जिले से बसंती मिश्रा जी की अध्यक्षता में चन्दना दत्त जी (राष्ट्रपति पुरस्कार से संबंधित), महालक्ष्मी जी ने भाग लिया। 

सहरसा इकाई से नमिता झा जी की अध्यक्षता में दो सखियों ने भाग लिया, झंझारपुर इकाई से अंबे मिश्रा जी की अध्यक्षता में प्रभा मिश्रा जी, वंदना झा जी, डॉ. सुभाषिनी झा जी एवं अन्य कई सखियों ने भाग लिया। 

नौका विहार का आनंद लेतीं ’सखी बहिनपा मिथिलानी समूह’ की सखियां

माता जानकी की भूमि सीतामढ़ी इकाई से चन्दना झा जी की अध्यक्षता में मीना झा जी, पूनम मिश्रा जी, वंदना झा जी, अनुराधा झा जी एवं मीडिया प्रभारी प्रियंका झा जी ने भाग लिया।

बता दें कि जितिया (या जीवित्पुत्रिका) पर्व आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में मनाया जाता है। माताएं इस व्रत को अपने बच्चों की लंबी आयु, समृद्धि और कल्याण के लिए करती हैं। इस तीन दिवसीय पर्व में निर्जला उपवास रखा जाता है, जिसमें भोजन और जल का त्याग किया जाता है। पर्व में गंधर्व राजकुमार जीमूतवाहन की पूजा होती है, जिनकी कथा के अनुसार उन्होंने एक नागिन के पुत्र को बचाने के लिए खुद को गरुड़ को अर्पित कर दिया था।

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