ग़ाज़ियाबाद, 26 अगस्त 2025: ग़ाज़ियाबाद जिला मुख्यालय पर अपनी मांगों को लेकर अनशन पर बैठी राखी पहलवान के समर्थन में सामाजिक संगठनों और महिलाओं का समर्थन लगातार बढ़ता जा रहा है। आज अनशन के पांचवें दिन उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने राखी से मुलाकात की और उनकी मांगों को सुनकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके साथ ही, राखी ने कवि नगर के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) को एक प्रार्थना पत्र सौंपा, जिसमें त्वरित कार्रवाई की मांग की गई है।

राखी पहलवान ने 22 अगस्त 2025 से जिला मुख्यालय पर अनशन शुरू किया था।  राखी का आरोप है कि ससुराल वालों ने बिना किसी कारण के उन्हें घर से निकाल दिया। इसके अलावा, उनके ससुराल वाले उन पर तलाक का दबाव बना रहे हैं और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं।

अनशन के पांचवें दिन राखी के समर्थन में सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें राखी को त्वरित न्याय दिलाने की मांग की गई। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने राखी के साथ अपनी एकजुटता दिखाई और कहा कि यह मामला केवल एक महिला की नहीं, बल्कि समाज में महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय का प्रतीक है।

वहीं दोपहर 1 बजे के करीब उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने राखी से मुलाकात की। हिमानी ने राखी की पूरी बात सुनी और उनके द्वारा लगाए गए आरोपों को गंभीरता से लिया। उन्होंने राखी को आश्वासन दिया कि उनकी शिकायत को संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा और इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। हिमानी ने कहा, "महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम राखी के मामले की पूरी जांच करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें न्याय मिले।"

मुलाकात के बाद, राखी और ने कवि नगर के एसीपी को एक प्रार्थना पत्र सौंपा। इस पत्र में राखी ने अपने ससुराल वालों पर उचित कार्रवाई की मांग की है। 

राखी के अनशन को स्थानीय सामाजिक संगठनों और महिला कार्यकर्ताओं का व्यापक समर्थन मिल रहा है। कई संगठनों ने राखी के साथ एकजुटता दिखाते हुए सरकार और प्रशासन से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है। एक सामाजिक कार्यकर्ता, वंदना चौधरी, ने कहा, "राखी की कहानी उन हजारों महिलाओं की कहानी है जो अपने ससुराल में उत्पीड़न का शिकार होती हैं। हम चाहते हैं कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले और राखी को जल्द से जल्द न्याय मिले।"

एक अन्य सामाजिक कार्यकर्ता, सिमरन रंधावा ने कहा कि यह केवल राखी का मामला नहीं है, बल्कि यह समाज में महिलाओं की स्थिति को दर्शाता है। उन्होंने कहा, "जब तक समाज में महिलाओं के प्रति सोच नहीं बदलेगी, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। हम राखी के साथ हैं और उनकी लड़ाई को अंत तक लड़ेंगे।"

राखी ने कहा, "मैं तब तक अनशन जारी रखूंगी, जब तक मुझे न्याय नहीं मिलता। 

राखी का अनशन न केवल उनके व्यक्तिगत मामले को उजागर कर रहा है, बल्कि यह समाज में महिलाओं के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के मुद्दे को भी सामने ला रहा है। सामाजिक संगठनों का कहना है कि राखी की हिम्मत और दृढ़ संकल्प अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। कई लोग इस मामले को सोशल मीडिया पर भी उठा रहे हैं, जिससे इस मुद्दे को व्यापक स्तर पर चर्चा मिल रही है।

राखी पहलवान का अनशन और उनकी मांगें गाजियाबाद में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। राज्य महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल की मुलाकात और एसीपी को सौंपा गया प्रार्थना पत्र इस मामले में एक नया मोड़ ला सकता है। प्रशासन और सामाजिक संगठनों की सक्रियता से यह उम्मीद जताई जा रही है कि राखी को जल्द ही न्याय मिलेगा। इस बीच, राखी का अनशन और उनके समर्थकों का प्रदर्शन समाज में महिलाओं के अधिकारों और न्याय के लिए एक मजबूत संदेश दे रहा है।



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