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| अष्टसखी मंदिर वृंदावन |
अष्टसखियां यानी श्री राधा रानी की आठ प्रिय सहेलियां। राधा रानी की आठ परम प्रिय सहेलियां अष्टसखी के नाम से जानी और पूजी जाती हैं। वृंदावन धाम में श्री बांके बिहारी जी मंदिर के पास ही भव्य अष्टसखी मंदिर है जहां इन अष्टसखियों के बहुत सुंदर विग्रह विराजमान हैं।
अष्टसखियों के नाम हैं ललिता, विशाखा, तुंगविद्या, इंदुलेखा, चित्रा, चंपकलता, रंगदेवी और सुदेवी। ये सभी राधा रानी की परम प्रिय और घनिष्ठ सखियां हैं और कृष्ण व राधा के प्रेम-मिलन में सहयोग करती हैं।
अष्टसखियों का विवरण :
ललिता : सबसे प्रमुख और घनिष्ठ सखियों में से एक, जिन्हें सभी गोपियों की गुरु भी माना जाता है।
विशाखा : राधा की एक और सबसे प्रिय सखी हैं, जिन्हें अष्टसखियों में शामिल किया गया है।
चित्रा : राधा की अति मनपसंद सखी हैं, जो बरसाना के चिकसौली गांव में रहती हैं।
तुंगविद्या : वीणा बजाने में निपुण हैं और नृत्य-गायन में भी कुशल हैं।
इंदुलेखा : हस्तरेखा देखकर भविष्य बताने में अत्यंत निपुण हैं और प्रेम कहानियां सुनाती हैं।
चंपकलता : करहला गांव में रहती हैं और ठाकुर जी की रसोई सेवा करती हैं।
रंगदेवी : राधा के नैनों में काजल लगाने और श्रृंगार करने में निपुण हैं।
सुदेवी : रंगदेवी की सगी बहन और सबसे छोटी सखी हैं, जो ठाकुर जी को पानी पिलाने की सेवा करती हैं।
ये सभी सखियां राधा रानी के साथ कृष्ण की लीला में अभिन्न रूप से सहभागी होती हैं और उनके प्रेम को पूर्णता प्रदान करती हैं।
(आलेख : पुनीत माथुर ’परवाज़’)


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