आइए आज आपको एक ऐसे शक्तिशाली कृष्ण मंत्र के बारे में बताता हूं जिसका निरंतर जाप करते रहने से संकटों से मुक्ति एवं मानसिक शांति मिलती है।

ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।

प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।।

मंत्र का शब्दवार अर्थ...

🚩 ॐ : परम वास्तविकता का प्रतिनिधित्व करने वाली पवित्र ध्वनि।

🚩 कृष्णाय : भगवान कृष्ण को।

🚩 वासुदेवाय : वासुदेव के पुत्र (श्रीकृष्ण) को।

🚩 हरये : जो हमारे दुखों को हरते हैं, उनका नाश करते हैं।

🚩 परमात्मने : परमात्मा स्वरूप भगवान को।

🚩 प्रणतः क्लेशनाशाय : जो अपना सिर झुकाते हैं उनके क्लेशों का नाश करने वाले को।

🚩 गोविंदाय : गोविंद को।

🚩 नमो नमः : बार-बार नमस्कार है।

अतः इस मंत्र का अर्थ है... परमात्मा स्वरूप वासुदेव नंदन भगवान कृष्ण को, जो दुखों को हरने वाले (हरये) और सभी कष्टों का नाश करने वाले (क्लेशनाशाय) हैं, बार-बार नमस्कार है। 

मंत्र के लाभ...

🙏संकटों से मुक्ति: यह मंत्र सभी प्रकार के संकटों और बाधाओं से रक्षा करता है।

🙏मानसिक शांति: चिंता, अशांति और बेचैनी को दूर करता है।

🙏भक्ति और समर्पण: यह मन में कृष्ण के प्रति भक्ति और समर्पण की भावना जगाता है। 

🙏आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक प्रगति के लिए भी इस मंत्र का जाप किया जाता है।

🙏सुख-शांति: घर में सुख और शांति बनाए रखने में मदद करता है।

जाप करने की विधि...

🌸 इस मंत्र का जाप सुबह या शाम या जब भी मन अशांत हो या नकारात्मक विचार आ रहे हों, तब 108 बार करना चाहिए।

🌸 जाप करते समय स्वच्छता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

(आलेख : पुनीत माथुर ’परवाज़’)

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