ग़ाज़ियाबाद : बृजेश श्रीवास्तव। बृहस्पतिवार 3 जुलाई। दैनिक समाचार पत्र भारत का बदलता शासन की समाचार संपादक अपूर्वा चौधरी द्वारा थाना मधुबन बापूधाम पुलिस के कथित तानाशाही रवैये, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के विरोध में शुरू किया गया अनिश्चितकालीन धरना और आमरण अनशन आज तीसरे दिन में प्रवेश कर गया है। 48 घंटों से अधिक समय बीतने के बावजूद, प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। अपूर्वा चौधरी ने अपनी मांगें पूरी होने तक शांतिपूर्ण अनशन जारी रखने का संकल्प दोहराया है।
ललित चौधरी ने बताया कि 27 जून 2025 को हम अपनी गाड़ी से संबंधित एक दुर्घटना की शिकायत दर्ज कराने थाना मधुबन बापूधाम गये थे। वहां थाना प्रभारी और पुलिस कर्मियों का व्यवहार अत्यंत आपत्तिजनक और अमानवीय था। उनके अनुसार, थाना प्रभारी के कार्यालय में एक दबंग व्यक्ति ने अपूर्वा चौधरी की लज्जा भंग करने का प्रयास किया और हाथापाई गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। इसके बावजूद, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि हमें ही अपमानजनक तरीके से कार्यालय से बाहर खींचकर निकाला गया। थाना प्रभारी ने धमकी भरे लहजे में उनकी शिकायत वापस लेने और सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का दबाव बनाया।
28 जून 2025 को इस मामले की लिखित शिकायत पुलिस आयुक्त, गाजियाबाद को सौंपी गई थी, जिसमें त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था। लेकिन कोई ठोस कदम न उठाए जाने के कारण अपूर्वा चौधरी 1 जुलाई 2025 से गाजियाबाद जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठ गई हैं।
हमारी मांगें:
तत्काल निलंबन: दुर्व्यवहार करने वाले थाना प्रभारी और संबंधित पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।
निष्पक्ष जांच: उक्त पुलिस कर्मियों के खिलाफ स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कर कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
दुर्व्यवहार पर रोक: पत्रकारों और आम नागरिकों के साथ इस तरह के दुर्व्यवहार को रोकने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
ललित चौधरी ने कहा, "पुलिस का यह व्यवहार न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों और न्याय व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है। हम अपनी मांगें पूरी होने तक शांतिपूर्ण तरीके से अनशन और धरना जारी रखेंगे।"
इस अनशन को कई राजनीतिक पार्टियों, सामाजिक संगठनों और स्थानीय पत्रकार संगठनों का समर्थन प्राप्त है। सोशल मीडिया पर भी यह मामला व्यापक चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां लोग पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
ललित चौधरी ने आगे बताया कि अनशन के तीसरे दिन भी पुलिस प्रशासन से कोई प्रतिक्रिया या आश्वासन नहीं मिला है। इसलिए, यह निर्णय लिया गया है कि समर्थन में बैठे अन्य पत्रकार साथी और समाजसेवी कल से क्रमिक अनशन शुरू करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि अपूर्वा चौधरी का स्वास्थ्य खराब होता है, तब भी यह आंदोलन उनकी मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा।
पुलिस आयुक्त कार्यालय से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है। प्रशासन की इस चुप्पी ने अपूर्वा और उनके समर्थकों के बीच असंतोष को और बढ़ा दिया है। यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या अपूर्वा की मांगें पूरी होती हैं।
संपर्क:
ललित चौधरी
मो 8527848454
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