समस्याओं को बढ़ाने वाला पंजाब किसानों द्वारा प्रायोजित आंदोलन  किसान हित की बजाए राष्ट्र विरोध की राजनीति करने वाले नेताओं को केंद्र सरकार पर हमलावर होने का अवसर देने वाला है। शायद इसलिए दिल्ली कूच की जिद पर अड़े कथित आंदोलनकारी पुलिस बल से टकराने की तैयारी करे बैठे हैं। जबकि मोदी सरकार इस टकराव को टालते हुए बातचीत के जरिये शांति पूर्वक समाधान की पक्षधर है। शायद इसलिए चौथे दौर की वार्ता के असफल होने के बाद भी वह पांचवे दौर की बातचीत के लिए तैयार है। 

पंजाब के कुछ समझदार किसान इस आंदोलन से वाकिफ हैं। और ना तो किसी अन्य किसान संगठनों का समर्थन प्राप्त है। एवम ना ही किसी किसान संगठनों का समर्थन प्राप्त। ऐसे में सकारात्मक बातचीत ही समाधान है। किसानों की ओट में कुछ राष्ट्र विरोधी तत्व सक्रिय होकर इस आंदोलन को हिंसक रूप देकर दिल्ली के छेत्र को अशांत करना चाहते हैं। ऐसे में राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह आंदोलन वापस लेना चाहिए। नही तो राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को जोखिम उठाना पड़ेगा।

अभिषेक, राष्ट्रवादी

बिलारी (मुरादाबाद)

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