ग़ाज़ियाबाद : बृजेश कुमार। गाजियाबाद के नाम परिवर्तन के लिए 5 वर्ष से संघर्ष कर रहे नाम परिवर्तन अभियान के संयोजक संदीप त्यागी रसम ने बुधवार को सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा कि भगवान दूधेश्वर की कृपा व श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि के आशीर्वाद से जल्द ही गाजियाबाद का नाम परिवर्तन होगा व कोई अच्छा नाम गाजियाबाद को मिलेगा। 


श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि गाजियाबाद नाम गुलामी का प्रतीक है। आज जब भारत आजाद है तो गुलामी के सभी प्रतीक हटने चाहिए। गाजियाबाद का प्राचीन नाम गजप्रस्थ था। अकबर के साले गाजिउददीन ने जो बहुत ही अत्याचारी व अनाचारी था और जिसने ना जाने कितने हिंदुओं को मौत के घाट उतारा था, उसने गाजियाबाद का नाम अपने नाम पर गाजिउददीन रखा था, जिसे बाद में अंग्रेजों ने गाजियाबाद कर दिया था। नाम परिवर्तन अभियान के संयोजक संदीप त्यागी रस्म व उनके साथी तथा गाजियाबाद निवासी चंद्र प्रकाश चौहान राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित दीनदयाल सेवा संस्थान नमामि गंगे के प्रदेश सहसंयोजक रवि कटारिया, संजीव तेवतिया, विनीत गर्ग, पंडित अशोक भारतीय, डॉक्टर ओपी अग्रवाल, वीरेंद्र कंडेरे आदि 5 वर्ष से गाजियाबाद का नाम परिवर्तन करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उनका संघर्ष रंग लाया और नगर निगम बोर्ड बैठक में गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित हो गया। इसके लिए सभी गाजियाबादवासी महापौर सुनीता दयाल व सभी पार्षदों का आभार व्यक्त करते हैं। 

दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर के श्री महंत जी ने संदीप त्यागी रसम को आशीर्वाद स्वरूप पटका व पगड़ी पहनाकर शुभाशीष दिया।

श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि आज देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में देश व उत्तर प्रदेश का प्राचीन गौरव व वैभव वापस लौट रहा है। अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में रामलला विराजमान होंगे। मंदिरों का जीर्णोद्वार हो रहा है। इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज व फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया गया है। गाजियाबाद का भी जल्द ही नाम बदलेगा और कोई अच्छा नाम मिलेगा जिससे हमारे जनपद का भी गौरव बढेगा। 

नाम परिवर्तन अभियान के संयोजक संदीप त्यागी रस्म ने बताया कि गाजियाबाद के नाम बदलने के संघर्ष का बिगुल 4 वर्ष पहले 2018 को वीर सावरकर के जन्मदिन पर बजाया था। उस दिन पहला ज्ञापन दिया गया। तब से अब तक 152 संगठनों ने डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे। उसके बाद 100 हवन की श्रृंखला श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर से शुरू की गई। पहला हवन श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर में श्रीमहंत नारायण गिरि के आशीर्वाद से हुआ। हवन के बाद मानव श्रृंखला शुरू की गई जिसके बाद सभी जनप्रतिनिधियों ने गाजियाबाद का नाम बदलने के समर्थन में अपने पत्र मुख्यमंत्री को दिए। अब नगर निगम बोर्ड बैठक में गाजियाबाद का नाम बदले जाने का प्रस्ताव पारित हो गया है तो इसके लिए संदीप त्यागी रसम ने महापौर व सभी पार्षदों को धन्यवाद दिया।



Share To:

Post A Comment: