नई दिल्ली : बृजेश श्रीवास्तव। सोमवार 22 मई। भारत- तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल ने कहा कि चीन का शुरू से ही यह स्वभाव रहा है कि वह किसी के प्रति स्पष्ट नहीं रहा है। किसी भी देश की सीमा का सम्मान नहीं करता। उसके मन में सदैव विस्तारवाद की भावना बनी रहती है। उसे ज़ब भी मौका मिलता है, दूसरे देशों के भू भाग पर कब्ज़ा करने से बाज नहीं आता। चूंकि, सदैव उसका अपने पड़ोसी देशों के साथ छिपा हुआ एजेंडा होता है। चीन की जितने भी देशों के साथ सीमा लगती है, उनमें से अधिकांश देशों के साथ सीमा को लेकर उसका विवाद चल रहा है। वर्तमान समय में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेशी धरती पर यह स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि दुनिया के सभी देशों को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को मानना चाहिए और एक दूसरे देशों की सीमा का सम्मान करना चाहिए।

ऐसी स्थिति में उसे लगता है कि अगर वह भारत में जी 20 देशों के सम्मलेन में जायेगा तो उसकी विस्तारवादी नीति पर चर्चा जरूर होगी और चीन को लगता है कि विस्तारवादी नीति पर अपना कोई बचाव नहीं कर पायेगा। इसी भय से वह सम्मेलन में हिस्सा लेने से भाग रहा है। लेकिन उसे इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि वह सम्मलेन में चाहे आये या ना आये किन्तु उसके विस्तारवाद पर चर्चा जरूर होगी। चीन चाहे जो कुछ भी कर ले परन्तु वह विस्तारवाद के मामले पर एक्सपोज होकर ही रहेगा। दुनिया के सामने मक्कार चीन की सच्चाई सामने आकर ही रहेगी।

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