देहरादून : बृजेश श्रीवास्तव। रविवार 19 मार्च। उत्तराखंड विद्वत सभा की बैठक को संबोधित करते हुए उत्तराखंड ज्योतिष रत्न एवं सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने कहा कि सनातन धर्म रूपी वृक्ष को हरा भरा रखने के लिए व्रत एवं त्योहारों की तिथि पर विद्वानों का एक मत रहना बहुत आवश्यक है। 


मसूरी में विद्यालयों का निरीक्षण करने की वजह से कार्यक्रम में 2 घंटे विलंब से पहुंचे डॉक्टर घिल्डियाल ने कहा कि हमारा सनातन धर्म सत्य एवं वसुधैव कुटुंबकम की भावना को रखने वाला है। इसलिए सनातन है, निरंतर है और रहेगा। परंतु इसके लिए आवश्यक है कि सभी विद्वानों को एक मंच पर लाकर व्रत एवं त्योहारों में एकरूपता लाई जाए और इसके लिए विद्वत सभा का प्रयास अत्यंत प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि सभा का निर्णय होने के बाद वह सरकार को भी इस निर्णय से अवगत कराने का प्रयास करेंगे। जिससे सरकारी अवकाश भी उचित दिन पर ही हो।

इस भव्य सभा में पहुंचने पर सभा के प्रांतीय अध्यक्ष आचार्य जयप्रकाश गोदियाल एवं महामंत्री चंद्रशेखर ममगाई तथा संस्कृत विद्यालय एवं महाविद्यालयों की तरफ से प्राचार्य राम भूषण एवं राम प्रसाद थपलियाल ने फूल माला अंग वस्त्र एवं सम्मान पत्र भेंट कर उत्तराखंड ज्योतिष रत्न सहायक निदेशक डॉ घिल्डियाल का सभी विद्वानों की तरफ से भव्य स्वागत किया। मौके पर उत्तराखंड के सभी जनपदों से ज्योतिष वेद, साहित्य एवं व्याकरण के विद्वान उपस्थित रहे।

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