नई दिल्ली : पुनीत माथुर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुुुरुवार को शुभारम्भ किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने चौरी-चौरा पर 5 रुपए का डाक टिकट भी जारी किया। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने समारोह में वर्चुअल प्रतिभाग किया, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने भोजपुरी में लोगों का स्वागत एवं अभिन्दन करते हुए कहा, “शिव अवतारी गोरक्षनाथ की धरती के प्रणाम करत बाड़ी। देवरहवा बाबा के आशीर्वाद से ज़िला खूब बढ़त बा। आप लोगन के प्रणाम करत बाड़ी। शहीदन के नमन करत बाड़ी।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि सौ वर्ष पहले गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा में जो हुआ, वह सिर्फ एक आगजनी की घटना नहीं थी। इसका संदेश व्यापक था। यह आगजनी किन परिस्थितियों में हुई, क्यों हुई, यह भी महत्व रखता है। आग थाने में नहीं जन-जन के दिलोंं में प्रज्ज्वलित हो चुकी थी। पूरे साल आयोजित होने वाले इस समारोह में हर गांव और हर क्षेत्र के सेनानियों के बलिदान को याद किया जाएगा। यह समारोह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब स्वतंत्रता दिवस के 75वें वर्ष में प्रवेश करेंगे। चौरी-चौरा स्वत:स्फूर्त आंदोलन था।
इसने स्वाधीनता आंदोलन को नई दिशा दी। यहां की मिट्टी में बलिदानियों का खून मिला है। इतिहास में ऐसी कम ही घटनायें होंगी जिसमें किसी एक घटना पर 19 लोग को फांसी दी गयी हो। हमें बाबा राघवदास और मदनमोहन मालवीय को भी नमन करना चाहिए कि जिनके प्रयास से इस घटना में फांसी दिए जाने वाले 150 लोगों की जान बची। पूरे प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों से सालभर चलने वाले इस प्रेरणादायक समारोह के लिए मै मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूँ।
कार्यक्रम के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का स्वागत एवं अभिनन्दन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन के फलस्वरूप पूरे प्रदेश में मनाये जा रहे इस शताब्दी समारोह के माध्यम से हम सभी अमर बलिदानियों के प्रति सम्मान और श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं।
इस घटना ने भारतीय स्वाधीनता आंदोलन को नई दिशा दी। जन-जन में स्वदेश और स्वावलम्बन की भावना का सृजन हुआ। इस महोत्सव का उद्देश्य भी शहीदों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देना है। देश एवं राष्ट्र की भावना को सर्वोपरि रखना है।
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