नई दिल्ली : पुनीत माथुर। बेटे के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने के मामले में बुधवार को रामपुर कोर्ट से न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए समाजवादी पार्टी के प्रभावशाली नेता और रामपुर से सांसद आजम खां, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम को कड़ी सुरक्षा के बीच आज सीतापुर जिला कारागार शिफ्ट कर दिया गया।

कल ही रामपुर के एसपी ने कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते तीनों को कहीं और शिफ्ट करने की बात कही थी और देर रात जिला प्रशासन ने आजम को परिवार सहित दूसरी जेल में भेजे जाने का फैसला लेते हुए उन्हें सीतापुर ले जाया गया।

सीतापुर के जेल अधीक्षक डीसी मिश्रा के मुताबिक तीनों कड़ी सुरक्षा में जिला कारागार पहुंच चुके हैं। उन्हें यहां नियमानुसार रखा जाएगा।

इससे पहले बुधवार को कोर्ट के आदेश पर रामपुर पुलिस ने आजम खां, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम को गिरफ़्तार कर रामपुर जिला कारागार में रखा था ।


बेटे के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने के मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद उन्होंने अपने परिवार के साथ आत्समर्पण कर रामपुर की एडीजे 6 की कोर्ट में जमानत के लिए याचिका भी दाखिल की, लेकिन उनके अड़ियल रवैये को देखते हुए कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और तीनों को 02 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।

जब आजम को कड़ी सुरक्षा के बीच रामपुर जेल ले जाया गया तो अन्दर दाखिल होते समय भी उनकी हनक देखी गई। जेल पुलिसकर्मी उनके हाथ जोड़ते नजर आए।

आजम को मुकदमा अपराध संख्या 4/2019 में अंतर्गत धारा 420, 468, 468 जालसाजी में जेल भेजा गया है।

बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान अबदुल्ला कम उम्र के कारण चुनाव नहीं लड़ सकते थे, लेकिन पुत्र मोह में आजम ने गैरकानूनी तरीक़े इस्तेमाल करते हुए बेटे को चुनाव लड़ाया और जीत भी हुई।

लेकिन भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने 2019 में अब्दुल्ला के दो-दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर एफआईआर दर्ज करायी। इसकेे बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कहते हुए अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द कर कर दी थी कि वर्ष 2017 में उनकी उम्र चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम 25 साल से कम थी।

हाईकोर्ट के बाद सर्वोच्च न्यायालय में भी अब्दुल्ला आजम को बड़ा झटका देते हुए निर्वाचन रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

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