नई दिल्ली । लखनऊ के सहारा अस्पताल के कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां मोर्चरी में रखे महिलाओं के शवों की अदला बदली कर दी, हद तो ये हो गई कि हिंदू परिवार को एक मुस्लिम महिला का शव दे दिया गया और  उन्होंने शव का दाह संस्कार भी कर दिया।

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब मुस्लिम परिवार के लोग शव लेने के लिए अस्पताल पहुंचे और  उन्हें हिंदू महिला का शव दे दिया गया।

उन्होंने शव पहचान  लिया और  मामले का खुलासे होने के बाद बात पुलिस तक पहुंच गई। दोनों परिवारों की अस्पताल प्रबंधन के साथ बातचीत हो रही है।

दरअसल, अलीगंद की इशरत मिर्जा (72) और अर्चना गर्ग (78) बीते कुछ दिनों पहले सहारा अस्पताल के न्यूरो आईसीयू में भर्ती थीं। 11 फरवरी को न्यूरो आईसीयू में दोनों महिलाओं की मौत हो गई।

गर्ग परिवार 11 फरवरी को अर्चना का शव लेने पहुंचा लेकिन गलती से उन्होंने अर्चना की जगह इशरत का शव ले लिया। इतना ही नहीं उन्होंने अंतिम संस्कार कर अस्थियों को विसर्जित कर दिया।

अगले दिन 12 फरवरी को मिर्जा परिवार इशरत का शव लेने पहुंचा तो उन्हें अस्पताल प्रशासन ने अर्चना का शव दे दिया। जिसे मिर्जा परिवार ने लेने से मना कर दिया।

अस्पताल की लापरवाही जब सामने आई तो हड़कंप मच गया।  मिर्जा परिवार ने मामले की शिकायत विभूतिखंड पुलिस को दी है। मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर विभूतिखंड राजीव द्विवेदी का कहना है कि दोनों परिवारों की अस्पताल प्रबंधन से बातचीत चल रही है।

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