गाजियाबाद : बृजेश श्रीवास्तव। 2 अक्टूबर 2025 — राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष का भव्य शुभारंभ आज गाजियाबाद विभाग में विजयादशमी उत्सव के साथ हुआ। संघ का शताब्दी प्रतीक है : "एक शताब्दी, एक उद्देश्य : राष्ट्रहित सर्वोपरि"। इस ऐतिहासिक अवसर पर, स्वयंसेवकों को संघर्ष, सेवा, समर्पण एवं संस्कार – नवचेतना का शतक के मूल संदेश के साथ अगले एक वर्ष की राष्ट्र साधना के लिए प्रेरित किया गया।
अनुशासन, शक्ति और महिलाओं की अग्रणी भूमिका: -
गाजियाबाद जिले की चारों प्रशासनिक इकाइयों में आज लगभग 230 स्थानों पर यह उत्सव मनाया गया, जिसमें 30,000 स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में अत्यंत अनुशासन के साथ शस्त्र पूजन किया और पथ संचलन में भाग लिया। यह विशाल और व्यवस्थित संचलन संगठन-शक्ति का अभूतपूर्व प्रदर्शन था।
क्षेत्र संपर्क प्रमुख आनंद, प्रांत कार्यवाह शिव कुमार, तथा अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में इस बात पर बल दिया कि संघ की सौ वर्षों की यात्रा ध्येय निष्ठा और निरंतरता का प्रमाण है। वक्ताओं ने विशेष रूप से राष्ट्र निर्माण में मातृशक्ति की भूमिका को रेखांकित किया और स्वयंसेवकों को गुलामी की मानसिकता को पूर्णतः त्याग कर, अपनी गौरवशाली विरासत पर गर्व करने का आह्वान किया। उद्बोधन का केंद्रीय विषय था: एकजुट और संगठित हिंदू समाज की शक्ति से अखंड भारत की सांस्कृतिक चेतना को पुनः स्थापित करना।
आगामी शताब्दी के लिए हमारा मार्गदर्शक पंच परिवर्तन हैं, जिनमें सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्व-आधारित जीवन शैली (स्वदेशी) और नागरिक कर्तव्यबोध शामिल हैं। संघ का विश्वास है कि अनुशासन और इन पंच परिवर्तनों के माध्यम से ही प्रत्येक स्वयंसेवक का हर कदम विकसित राष्ट्र के निर्माण की ओर एक साधना बनेगा।
शताब्दी वर्ष : युवा शक्ति और राष्ट्रव्यापी जन-आंदोलन: -
आज विजयादशमी उत्सव से प्रारंभ होकर, शताब्दी वर्ष को एक राष्ट्रव्यापी जन-आंदोलन बनाने हेतु गाजियाबाद विभाग ने वर्ष भर की विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। यह अभियान बस्ती स्तर पर स्वयंसेवकों के अनुशासित संचलन के साथ शुरू हुआ। इसके बाद, 1 से 30 नवंबर 2025 के दौरान गृह संपर्क अभियान के तहत टोलियाँ हर परिवार तक संघ का विचार एवं संदेश पहुँचाएँगी।
सांस्कृतिक जागरण के लिए 11 जनवरी से 15 फरवरी 2026 तक हिन्दू सम्मेलन आयोजित होंगे। युवा नेतृत्व और राष्ट्रभावना को जाग्रत करने के लिए 15 अगस्त से 17 सितम्बर 2026 के बीच युवा सम्मेलन आयोजित होंगे, जो देश की युवा शक्ति को दिशा देने पर केंद्रित होंगे। इसके समानांतर, जिला/नगर स्तर पर प्रमुख जन गोष्ठियों तथा अप्रैल 2026 में सामाजिक सद्भाव बैठकों का आयोजन होगा। अंत में, शताब्दी वर्ष का समापन 27 सितम्बर से 4 अक्टूबर 2026 के बीच अधिकतम शाखा अभियान के साथ होगा, जिसका उद्देश्य हर वर्ग और आयु समूह तक संघ के विचारों का विस्तार करना है।
हम इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी राष्ट्र प्रेमियों को आमंत्रित करते हैं कि वे संघ के साथ मिलकर अनुशासन और सेवा के माध्यम से विकसित भारत के निर्माण में अपनी प्रतिबद्धता दोहराएँ और इस जन-आंदोलन का हिस्सा बनें।






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