ग़ाज़ियाबाद : बृजेश श्रीवास्तव। ग़ाज़ियाबाद नगर निगम की मेयर सुनीता दयाल के एक विवादित बयान ने पत्रकारिता जगत में तीखी प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। मेयर द्वारा एक सार्वजनिक मंच पर "हुक्का लेकर चलने वाले" और "ब्लैकमेलर" जैसे अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल के बाद वरिष्ठ पत्रकार अपूर्वा चौधरी ने मेयर को औपचारिक मांग पत्र भेजा है। इस पत्र में मेयर से उनके बयान का स्पष्टीकरण, ब्लैकमेलिंग के आरोपों में शामिल लोगों के नामों का खुलासा और यदि ये शब्द पत्रकारों के लिए थे तो सार्वजनिक माफी की मांग की गई है।
हाल ही में स्वच्छता पखवाड़ा के एक कार्यक्रम में मेयर सुनीता दयाल ने कहा, "कुछ लोग एक हुक्का सा लेंगे और चल देंगे ब्लैकमेल करने। ऐसे लोगों को पता होना चाहिए कि झूठी सूचना देने पर सजा का प्रावधान है।" यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसे कई यूजर्स ने पत्रकार समुदाय पर निशाना माना। इस बयान से पत्रकारों में आक्रोश फैल गया, क्योंकि इसे पत्रकारिता के पेशे को बदनाम करने वाला माना गया।
देखें वीडियो: -
वरिष्ठ पत्रकार अपूर्वा चौधरी ने मेयर को संबोधित पत्र में कहा कि उनके बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि ये शब्द पत्रकार समुदाय के लिए कहे गए हैं। उन्होंने लिखा, "आपके बयान ने पत्रकारों की छवि को धूमिल किया है और जनता के बीच विश्वास को कमजोर किया है।" पत्र में निम्नलिखित मांगें रखी गई हैं: -
"हुक्का लेकर चलने वाले" का स्पष्टीकरण: मेयर को यह स्पष्ट करना होगा कि यह कथन किसके लिए था और इसका आधार क्या है।
ब्लैकमेलरों के नामों का खुलासा: कथित ब्लैकमेलिंग करने वाले व्यक्तियों या समूहों के नाम तत्काल सार्वजनिक किए जाएं।
सार्वजनिक माफी: यदि ये शब्द पत्रकारों के लिए थे, तो मेयर को खुले मंच पर पत्रकारिता समुदाय और मीडिया बंधुओं से माफी मांगनी होगी।
अपूर्वा चौधरी ने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के भीतर मेयर स्पष्टीकरण नहीं देती हैं तो इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का अपमान माना जायेगा और पत्रकार बिरादरी आंदोलन करने को बाध्य होगी। इस आंदोलन में सामाजिक-राजनीतिक बहिष्कार, जनजागरण अभियान और आवश्यकता पड़ने पर कानूनी कार्रवाई शामिल होगी। अपूर्वा चौधरी ने जोर देकर कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मेयर के बयानों को उन्होंने पत्रकारों का अपमान करने वाला और लोकतंत्र के लिए हानिकारक बताया।
पत्र की प्रतिलिपि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, गाजियाबाद प्रेस क्लब, उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब और स्थानीय मीडिया प्रतिनिधियों को भेजी गई है।
मेयर सुनीता दयाल का यह पहला विवाद नहीं है। इससे पहले भी उनके और नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के बीच तनातनी की खबरें सामने आ चुकी हैं। मेयर पर उनके पति द्वारा नगर निगम के कामकाज में हस्तक्षेप करने के आरोप लगे थे, जिसका उन्होंने खंडन किया था। इसके अलावा, मेयर द्वारा अवैध अतिक्रमण और मजारों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भी विवाद हो चुके हैं।
यह विवाद गाजियाबाद की राजनीति और पत्रकारिता जगत में एक नया तनाव पैदा कर सकता है। पत्रकार अपूर्वा चौधरी द्वारा उठाए गए इस कदम ने मेयर सुनीता दयाल के बयान को और गंभीर बना दिया है। अब सभी की नजरें मेयर के जवाब और पत्रकार बिरादरी की अगली रणनीति पर टिकी हैं।



Post A Comment: