रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित मिथिला पेंटिंग भेंट करते हुए डॉ अरुणा झा
मधुबनी : प्रियंका झा। मिथिलांचल की बेटी डॉ. अरुणा झा ने मिथिलाक्षर लिपि की सुंदरता को विभिन्न रूपों और माध्यमों में मिथिला चित्रकला में समाहित करने वाले कलाकारों को जोड़ने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म "चित्राक्षर" की शुरुआत की है, जिसमें  मैथिली लिपि का उपयोग करके मिथिला की पारंपरिक और सांस्कृतिक कलाओं को समकालीन बनाने का यह उनका पहला प्रयास अनूठा है। 

वह छठ, दुर्गा पूजा, जन्माष्टमी, होली, वट सावित्री, मिथिला विवाह, पवित्र धागा समारोह जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों और समारोहों पर आधारित विशेष वस्तुओं को अनुकूलित और डिज़ाइन करके ग्रामीण कलाकारों और युवा पीढ़ी को प्रोत्साहित करना पसंद करती हैं। डॉ अरुणा जी ’’चित्राक्षर’ कलाकारों को अपनी अद्भुत रचनाओं में उनके नवीन विचारों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने कई मैथिली और संस्कृत रचनाओं का लिप्यंतरण किया है और दूसरों को मिथिलाक्षर सीखने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।
समाज सेविका एवं ’चित्राक्षर’ की संस्थापिका  डॉ अरुणा झा ने   मिथिला विभूति और संस्कृत के प्रकांड  विद्वान  अपने पिता डॉ. जयमंत मिश्र के व्यक्तित्व और कृतित्व के परिचय के बाद  'चित्राक्षर समूह' जिसमें पूरे देश के  मिथिला चित्रकला के कलाकार जुड़े हैं  उसके  कार्यों की  विस्तृत जानकारी दी कि  कैसे  विगत चार वर्षों से संस्थापिका चित्राक्षर ऑनलाइन समूहों के द्वारा मिथिला चित्रकला एवं  कलाकारों  के प्रचार प्रसार हेतु निस्वार्थ लगी हैं।

डॉ अरुणा ने प्रथम बार मिथिलाक्षर एवं  मिथिला चित्रकला के  संयोजन के साथ कलाकारों से स्वयं डिजाइन करके विभिन्न कलाकृति बनवाई जिसका खर्चा भी उन्होंने स्वयं वहन किया  एवं विभिन्न मिथिला  पर्वों एवं संस्कारों जैसे छठ,  वट सावित्री, जन्माष्टमी,  दुर्गा पूजा, होली,  यज्ञोपवीत आदि के लिए विशेष रूप से  परिधानों को डिजाइन कर के कलाकारों से बनवा रही हैं ।  इस से मिथिला चित्रकला एवं मिथिलाक्षर  दोनों का प्रचार प्रसार हो रहा है एवं कलाकारगण आर्थिक  रूप से  सुदृढ़ भी हो रहे हैं । 
हाल में ही संपूर्ण मिथिला एवं  चित्राक्षर परिवार की ओर से  मिथिलाक्षर में लिखित ऑपरेशन सिंदूर  पर बनाई हुई  सुप्रसिद्ध  कलाकार  डॉ छाया की मिथिला पेंटिंग को चित्राक्षर संस्थापिका डॉ अरुणा झा ने रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह को समर्पित  किया। पेंटिंग देख कर मंत्री जी अति प्रसन्न हुए। मिथिला दोपटा  से श्री मोहन झा जी ने उन्हें सम्मानित किया । 
उन्होंने रक्षा मंत्री को बताया कि कैसे वो संस्कृत और मैथिली रचित विभिन्न ग्रंथों, पुस्तकों का लिप्यंतरण भी कर रही हैं।  

बता दें  कि  डॉ अरुणा झारखंड प्रदेश के भारत विकास  परिषद की  पूर्व  उपाध्यक्ष भी रह चुकी  है मंत्रीजी  ने विस्तार से उन किए कार्यों  एवं प्रकल्पों की भी जानकारी उत्सुकता से सुनी।

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