गाजियाबाद, 23 अगस्त 2025:  महिला पहलवान राखी ने अपने और लाखों अन्य महिलाओं के लिए न्याय की मांग को लेकर गाजियाबाद जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना और आमरण अनशन शुरू किया है। आज उनके अनशन का दूसरा दिन है, और वे अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं। राखी ने कहा, "यह मेरी अकेले की लड़ाई नहीं है, बल्कि उन लाखों महिलाओं की लड़ाई है जो अन्याय और उत्पीड़न का शिकार हैं।"

राखी ने अपने ससुराल वालों पर बिना किसी कारण के उन्हें घर से निकालने और उनके सम्मान का अपमान करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि उनकी शादी 9 जुलाई 2024 को गाजियाबाद के अवंतिका कॉलोनी निवासी भुवनेश कुमार से हुई थी। शुरू में सब ठीक था, लेकिन कुछ समय बाद ससुराल वालों का व्यवहार बदल गया। उनके पति, जो मुंबई में नौकरी करते थे, ने उन्हें धोखा देकर विदेश चले गए और उनका नंबर ब्लॉक कर दिया। राखी ने यह भी आरोप लगाया कि उनके ससुर, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में दारोगा हैं, ने उनके साथ बुरा व्यवहार किया और तलाक के लिए दबाव बनाया। राखी का कहना है कि वे तलाक नहीं चाहतीं, बल्कि अपने ससुराल में सम्मान के साथ स्वीकार किया जाना चाहती हैं।

राखी ने पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उनकी मदद करने के बजाय, पुलिस ने उन्हें और उनके बुजुर्ग माता-पिता को धमकियां दी हैं। उन्होंने बताया कि 17 अगस्त को पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की थी। राखी ने सवाल उठाया कि यह बर्बरता किसके आदेश पर की गई थी। इसके अलावा, पुलिस ने यह आश्वासन दिया था कि वे दोनों पक्षों को आमने-सामने बिठाकर बातचीत कराएंगे, लेकिन अब तक दूसरा पक्ष सामने नहीं आया है। राखी ने कहा, "पुलिस इतनी नाकाम क्यों है कि वह अब तक मेरे ससुराल वालों को सामने नहीं ला सकी?"

राखी की मांगें: -

राखी ने अपनी मांगों को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी मांगें बहुत छोटी और जायज हैं:

ससुराल वालों से जवाब: ससुराल वालों को यह बताना चाहिए कि उनकी क्या गलती थी, जिसके कारण उन्हें घर से निकाला गया। और अगर मेरी गलती नहीं है तो पूरे सम्मान के साथ मुझे घर लेकर जाएं।

पुलिस की जवाबदेही: यह जांच हो कि 17 अगस्त को पुलिस ने उनके साथ बर्बरता किसके आदेश पर की थी।

निष्पक्ष सुनवाई: घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत उनके मामले की तुरंत और निष्पक्ष सुनवाई हो, और दोषियों को सजा दी जाए।

महिलाओं के लिए त्वरित न्याय: राखी ने मांग की कि इस तरह के मामलों में, जहां महिलाओं को घर से निकाल दिया जाता है, त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए। महिलाओं को सालों तक कोर्ट-कचहरी के चक्कर न काटने पड़ें।

कानून में संशोधन: राखी ने कहा कि मौजूदा कानून में संशोधन जरूरी है, ताकि महिलाओं को तुरंत न्याय मिले और उन्हें दर-दर की ठोकरें न खानी पड़ें।

राखी ने घोषणा की है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो वे अपने अनशन को और तेज करेंगी। उन्होंने कहा, "मैंने पहले ही अन्न का त्याग कर दिया है। अगर जल्द ही महिलाओं के लिए कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो मैं जल का भी त्याग करूंगी। चाहे मेरी जान ही क्यों न चली जाए, मैं अपना अनशन जारी रखूंगी।"

राखी के इस साहसिक कदम को कई सामाजिक संगठनों, कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों का समर्थन मिल रहा है। गाजियाबाद जिला मुख्यालय पर उनके धरने और अनशन को देखते हुए लोग उनके समर्थन में जुट रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी उनकी मांगों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कई लोग उनके साहस की सराहना कर रहे हैं और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

अब तक पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई ठोस प्रतिक्रिया या कार्रवाई की जानकारी सामने नहीं आई है। राखी ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगी।

राखी ने समाज से अपील करते हुए कहा, "हमारी ताकत हमारी एकता में है। मेरे साथ खड़े हों, ताकि हम एक ऐसा समाज बना सकें जहां हर महिला को सम्मान, सुरक्षा और समानता मिले। यह अनशन मेरे लिए नहीं, बल्कि उन तमाम बहन-बेटियों के लिए है जो अपने हक के लिए लड़ रही हैं।"



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