ग़ाज़ियाबाद। नगर निगम चुनाव का बिगुल बज चुका है। चुनाव लड़ने के इच्छुक कार्यकर्ता ग़ाज़ियाबाद से लेकर लखनऊ तक हाज़िरी लगा रहे हैं। पार्षद के टिकट के लिए प्रत्येक वार्ड में 6 से लेकर 20 की संख्या तक दावेदार सामने आकर टिकट मांग रहे हैं। सबको पता है कि एक वार्ड से पार्टी का टिकट किसी एक कार्यकर्ता को ही मिलेगा। क्योंकि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है। इसके कार्यकर्ता भी बेहद अनुशासित होते हैं। संगठन को सर्वोपरी मानने वाला भाजपा का असली कार्यकर्ता सदा पार्टी को स्वयं से ऊपर रखता है। इसलिए जिस कार्यकर्ता को पार्टी टिकट देती है, बाकी सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर उस कार्यकर्ता को चुनाव लड़ाते भी हैं और उसकी विजय भी सुनिश्चित करते हैं।
ऐसे में संगठन की भी बड़ी ज़िम्मेदारी बनती है कि पार्टी के लिए वर्षो से तन मन धन से कार्य करने वाले सच्चे कार्यकर्ता का सम्मान बनाये रखे। प्रदेश से आने वाले हर बड़े छोटे कार्यक्रम को मण्डल का कार्यकर्ता सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुँचाता है। तो अब चुनाव के वक्त टिकट पर पहला अधिकार भी उसी कार्यकर्ता का बनता है। इसलिए संगठन का भी दायित्व है कि वो निष्पक्ष होकर प्रत्याशी का चुनाव करे।
पार्टी को चाहिए कि सोर्स सिफारिश या किसी बड़े नेता के दबाव में आकर गलत चयन ना करे। प्रत्येक वार्ड का टिकट उसी वार्ड में निवास करने वाले और कई वर्षो से ज़मीनी स्तर पे पार्टी का कार्य करने वाले कार्यकर्ता को ही दिया जाए, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए।
पैराशूट प्रत्याशी को टिकट देना सीधे सीधे पार्टी के सच्चे कार्यकर्ता का अपमान है। इसी प्रकार महिला सीट पे महिला को, ओबीसी सीट पे ओबीसी को और सामान्य सीट पे पुरूष कार्यकर्ता को टिकट मिलना न्यायसंगत व्यवस्था होती है। इससे सभी में संगठन के प्रति विश्वास और बढ़ता है। इसलिए संगठन को ध्यान रखना होगा कि महिला सीट पे किसी नेता की पत्नी या माँ को टिकट ना दिया जाए बल्कि उसी वार्ड की किसी कर्मठ महिला कार्यकर्ता को ही टिकट मिले। इसी प्रकार सामान्य सीट पर उसी वार्ड के किसी कर्मठ पुरुष कार्यकर्ता को टिकट देना चाहिए, ऐसी सीट पर किसी महिला कार्यकर्ता या वार्ड से बाहर के कार्यकर्ता को टिकट देना अनुचित है। इस प्रकार की अनुचित कार्यप्रणाली से कार्यकर्ताओं में नकारात्मक संदेश जा सकता है।
भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं की पार्टी मानी जाती है। अब संगठन की ये बड़ी ज़िम्मेदारी है कि प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया न्यायसंगत हो। जिससे सभी कार्यकर्ता अपने को सम्मानित महसूस करें।
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