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पीड़ित दंपति सीमा देवी व जितेंद्र सिंह |
प्रशासन की सजगता के बावजूद आज भी कुछ लोग अपनी धांधलीबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं और भोलेभाले लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसा ही एक गरीब परिवार भू माफियाओं की बातों में आ कर जीवन भर की मेहनत की कमाई को गवां बैठा है।
पीड़ित पति -पत्नी सीमा देवी व जितेंद्र सिंह गाजियाबाद में नानक विहार कॉलोनी स्थित मानसरोवर पार्क में रहते हैं। जितेंद्र सिंह ने न्यूज़ लाइव टुडे को बताया कि वर्ष 2016 में राज नगर स्थित RG Infra Developers Private Limited नामक कंपनी से एक प्लॉट खरीदा था जिसके एवज में उन्होंने कंपनी मालिकों को एडवांस के तौर पर साढ़े सात लाख रुपए दिए थे।
कंपनी के लोगों ने रजिस्ट्री के लिए कुछ टाइम मांगा था। जब जितेंद्र ने टाइम आने पर रजिस्ट्री कराने के लिए कहा तो कंपनी के मालिकों ने टालामटोली शुरु कर दी और हर बार पूछने पर आगे का टाइम बताते रहे।
इस मसले को चलते - चलते काफी साल बीत गए उसके बाद भी कंपनी संचालकों ने प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं करवाई और ना ही उनका पैसा वापस दिया, बस टालमटोल करते रहे।
परेशान हो कर जितेंद्र ने इसकी लिखित शिकायत जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से की। साथ ही जितेंद्र ने एक तहरीर कवि नगर थाने में दी जिस पर पुलिस ने एक्शन लेते हुए दोनों पक्षों का आपस में समझौता करा दिया।
पीड़ित जितेंद्र ने बताया कि पुलिस द्वारा समझौता कराते समय आरोपित गजेंद्र और रजत ठाकुर ने स्वीकार किया था कि जो पैसा जितेंद्र सिंह से लिया गया है वह 15 अप्रैल 2020 को उसे दे दिया जाएगा लेकिन लॉक डाउन के दौरान जब जितेंद्र ने गजेंद्र सिंह को फोन किया तो लॉक डाउन का बहाना बनाकर उसने और टाइम मांगा।
पीड़ित जितेंद्र के अनुसार टाइम पूरा हो जाने के बाद अब जब भी जितेंद्र कंपनी मालिक गजेंद्र सिंह को फोन करता है तो वह उसे धमकाने लगता है। इसकेे चलते पीड़ित जितेंद्र मानसिक तनाव से गुजर रहा है और प्रशासन से गुजारिश कर रहा है कि उसको उचित न्याय मिले।
यदि ऐसे जालसाज भूमाफियाओं की धोखाधड़ी का गोरखधंधा यूँ ही चलता रहा तो ना जाने कितने ही परिवार आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे।
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