ग़ाज़ियाबाद : पुनीत माथुर। आज न्यूज़ लाइव टुडे के साहित्य सरोवर में प्रस्तुत है ग़ाज़ियाबाद की युवा कवियत्री व दैनिक नवीन कदम की साहित्यिक सह संपादिका डॉ. निधि वर्मा की रचना ....
बार बार गिरने पर भी जो
फ़िर से उड़ान भरते हैं ।
हर दिन अपनी किस्मत से वो
थोड़ा - थोड़ा लड़ते हैं ।
पथ में आई बाधाओं से
व्यर्थ में घबराओ नहीं ।
विपरीत दशाओं में खुद को
कमजोर दिखलाओ नहीं ।
आँधी में भी डटे रहे जो
दीए कभी नहीं बुझते हैं ।
हर दिन अपनी किस्मत से वो
थोड़ा.- थोड़ा लड़ते हैं ।
डटे रहो और आगे बढ़ो
मत पीछे मुड़ कर देखो ।
मुश्किल हालातोंं में भी
अँधेरों से लड़ कर देखो ।
हार जाती हैं मुश्किलें भी
हिम्मत से जब बढ़ते हैं ।
हर दिन अपनी किस्मत से वो
थोड़ा - थोड़ा लड़ते हैं ।
मजबूत इरादों के आगे
आसमान भी झुकता है ।
अनगिनत - अनवरत प्रयासों
का असर हर जगह दिखता है ।
करती दुनियाँ उनको सलाम
जो इतिहास बदलते हैं ।
हर दिन अपनी किस्मत से वो
थोड़ा - थोड़ा लड़ते हैं ।
बार बार गिरने पर भी जो
फ़िर से उड़ान भरते हैं ।
हर दिन अपनी किस्मत से वो
थोड़ा - थोड़ा लड़ते हैं ।
पथ में आई बाधाओं से
व्यर्थ में घबराओ नहीं ।
विपरीत दशाओं में खुद को
कमजोर दिखलाओ नहीं ।
आँधी में भी डटे रहे जो
दीए कभी नहीं बुझते हैं ।
हर दिन अपनी किस्मत से वो
थोड़ा.- थोड़ा लड़ते हैं ।
डटे रहो और आगे बढ़ो
मत पीछे मुड़ कर देखो ।
मुश्किल हालातोंं में भी
अँधेरों से लड़ कर देखो ।
हार जाती हैं मुश्किलें भी
हिम्मत से जब बढ़ते हैं ।
हर दिन अपनी किस्मत से वो
थोड़ा - थोड़ा लड़ते हैं ।
मजबूत इरादों के आगे
आसमान भी झुकता है ।
अनगिनत - अनवरत प्रयासों
का असर हर जगह दिखता है ।
करती दुनियाँ उनको सलाम
जो इतिहास बदलते हैं ।
हर दिन अपनी किस्मत से वो
थोड़ा - थोड़ा लड़ते हैं ।
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