नई दिल्ली: चमकी बुखार के कहर के बाद बिहार और केंद्र सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। विपक्ष का आरोप है कि पिछले 15 वर्षों से नीतीश कुमार बिहार की सत्ता पर काबिज हैं। लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए उन्होंने क्या कुछ ये आत्मचिंतन का विषय है। इन सबके बीच केंद्र सरकार ने कुछ और पुख्ता कदम उठाए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि प्रभावित जिलों में आठ अतिरिक्त एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस को शामिल किया गया है। इसके साथ ही घर घर जाकर एईएस या जेईएस मरीजों की पहचान के विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
एसकेएमसीएच अस्पताल में तैनात किया गया है। इसके साथ ही विरोलॉजी लैब की स्थापना के लिए उपाय किए जा रहे हैं। इसके अलावा विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम एईएस से जुझ रहे मरीजों के केस रिकॉर्ड की जांच करेगी ताकि बीमारी का विस्तृत रूप से अध्ययन किया जा सके।
आप को बता दें कि मुजफ्फरपपुर में चमकी बुखार के शिकार हुए बच्चों की मौत की प्रमाणिक जानकारी नहीं मिल पा रही है। कोई उसे एईएस बता रहा है तो कोई कुपोषड़ को मुख्य वजह बता रहा है। चमकी बुखार से मरने वालों की संख्या 121 हो चुकी है। इस संबंध में बिहार के सीएम ने एसकेएमसीएच अस्पताल का दौरा किया था जहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा था। इस सिलसिले में पत्रकारों ने उनसे कई सवाल पूछे। लेकिन जवाब में उन्होंने चुप्पी साध ली थी।
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