ग़ाज़ियाबाद : बृजेश श्रीवास्तव। विश्व हिंदू परिषद, वैशाली महानगर की महिला इकाई मातृशक्ति दुर्गावाहिनी द्वारा दुर्गा अष्टमी के पावन अवसर पर इंदिरापुरम इंस्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडीज में महिला सम्मेलन आयोजित किया गया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. पूनम लखोटिया ने की तथा मुख्य वक्ता साध्वी सत्यप्रिया गिरी ने अपने संबोधन में कहा कि नवरात्रि का महापर्व स्त्रीशक्ति के आत्मबोध का पर्व है। भगवान ने नारी को अपार क्षमताएं दी हैं। अतीत में और वर्तमान में भी नारी शक्ति ने उन क्षमताओं से विश्व को चमत्कृत किया है। विद्वत्ता,वीरता त्याग बलिदान इन सभी क्षेत्रों में भारतीय नारी अनुपमेय रही है। वह अबला नहीं रही कभी, रसोई से रणक्षेत्र तक उसने अपनी  भूमिका का कुशलता पूर्वक निर्वहन किया है। आज भी वह हर क्षेत्र में अवसर मिलने पर अपने को साबित कर रही है। उस नारी शक्ति के आत्मबल  पुनर्जागरण का यह महापर्व है।  

यंत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता, जहां नारी की पूजा की जाती है वहां साक्षात देवता निवास करते हैं, यह भारतीय विचार है। भारत में पत्नी को अर्धांगिनी और सहधर्मिणी कहा जाता है। कोई भी धार्मिक अनुष्ठान पत्नी के बिना पूर्ण नहीं होता है। "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता के विस्मरण के कारण ही हमारे यहाँ नारी सम्मान के विपरीत आचरण की  घटनाएं बढ़ीं हैं। भारतीय जीवन मूल्यों कि पुनर्स्थापना एवं परिवार संस्था के दृढ़ीकरण द्वारा ही हम भारतीय नारी के गौरव को पुनर्स्थापित कर पायेंगे। 

कार्यक्रम में बच्चों ने गणेश वंदना, भरतनाट्यम व नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से सामाजिक संदेश दिए। चित्रकला द्वारा दुर्गा माता, नशा मुक्ति और लव जिहाद पर विचार प्रस्तुत किए। समापन पर मातृशक्ति की सामूहिक दुर्गा आरती संपन्न हुई और उपस्थित जनसमूह ने ऐसे धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजनों को निरंतर जारी रखने की अपील की।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से विभाग संगठन मंत्री साहिल वालिया, विभाग संयोजिका हेमा शारदा, महानगर अध्यक्ष डॉ. बी.के. गुप्ता, सुनील चौहान, प्रखंड अध्यक्ष निशित पाठक, मंत्री अमित पराशर सहित सुपर्णा सिंह, वैष्णवी पांडे, चंचल कुमारी, उषा ममगई, सुधा तोमर, जयश्री सिन्हा, साक्षी, ममता पाठक, रीना व किरण डागर उपस्थित रहीं।



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