ग़ाज़ियाबाद : बृजेश श्रीवास्तव। रविवार का दिन ग़ाज़ियाबाद के ग्राम निवाड़ी में उत्साह और उमंग का प्रतीक बन गया, जब सैल्यूट तिरंगा संगठन के तत्वावधान में 'युवा शक्ति कार्यक्रम' का आयोजन हुआ। इस मेगा इवेंट में हरियाणा और पंजाब के सांस्कृतिक सितारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्वेता चौहान, सिंगर-एक्टर एमडी देशी रॉकस्टार और सुभाष फौजी जैसे दिग्गज कलाकारों ने अपनी कला का जादू बिखेरा, जिसने हजारों युवाओं और परिवारों को आकर्षित किया। मयंक त्यागी फार्म हाउस, निवाड़ी में शाम 4 बजे शुरू हुए इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक धरोहर और युवा सशक्तिकरण का अनूठा संगम देखने को मिला।
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सैल्यूट तिरंगा संगठन जो भारतीय संस्कृति, राष्ट्रभक्ति और युवा सशक्तिकरण के लिए जाना जाता है, ने इस आयोजन को विशेष महत्व दिया। आयोजक संयम त्यागी ने बताया, "यह कार्यक्रम युवाओं को उनकी जड़ों से जोड़ने और राष्ट्रीय एकता की भावना को प्रोत्साहित करने का प्रयास है। हरियाणा और पंजाब की सांस्कृतिक धरोहर को गाजियाबाद के युवाओं तक पहुंचाना हमारा उद्देश्य है।" कार्यक्रम में 1,000 से अधिक लोगों की भीड़ ने उत्साह के साथ भाग लिया, जिसके लिए ट्रैफिक और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए।
कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण रहीं हरियाणवी सिनेमा की चमकती सितारा श्वेता चौहान। 100 से अधिक एल्बम्स में अपने अभिनय और गायकी से लाखों दिलों पर राज करने वाली श्वेता ने अपनी प्रस्तुति से माहौल को और रंगीन बना दिया। उन्होंने कहा, "गाजियाबाद के युवाओं के बीच आकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। यह आयोजन न केवल मनोरंजन का स्रोत है, बल्कि युवाओं को अपनी संस्कृति से जोड़े रखने का माध्यम भी है।" उनकी खूबसूरती और ठुमकों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
सिंगर-एक्टर एमडी देशी रॉकस्टार जिनका असली नाम मनोज दवन है, ने अपनी देसी रैप और बीट्स से माहौल को रंगीन बना दिया। 2008 से म्यूजिक इंडस्ट्री में सक्रिय इस गुरुग्राम निवासी कलाकार ने 'रॉक द बीट' जैसे हिट गानों से युवाओं को दीवाना बनाया। 2024 में स्वीप कार्यक्रम के ब्रांड एंबेसडर के रूप में उन्होंने मतदान जागरूकता को बढ़ावा दिया। एमडी ने कहा, "मेरा संगीत युवाओं की आवाज है। आज निवाड़ी में हमने एक यादगार शाम बनाई।"
हरियाणवी लोक संगीत के धुरंधर सुभाष फौजी ने भी अपनी गहरी आवाज और देसी लिरिक्स से दर्शकों का दिल जीत लिया। 'दरोगा जी' और 'फौजी फौजन' जैसे गानों ने उन्हें पूरे देश में प्रसिद्धि दिलाई। सुभाष ने कहा, "हरियाणा की मिट्टी की खुशबू को अपने गीतों में बिखेरना मेरी पहचान है।" उनकी प्रस्तुति में पारंपरिक ढोल-नगाड़ों और मॉडर्न बीट्स का मिश्रण दर्शकों को नाचने पर विवश कर गया।
यह आयोजन केवल संगीत और नृत्य तक सीमित नहीं रहा। सैल्यूट तिरंगा संगठन ने इसे युवा सशक्तिकरण का मंच बनाया, जहां स्थानीय युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला। गाजियाबाद जैसे तेजी से विकसित होते शहर में यह कार्यक्रम सांस्कृतिक एकीकरण का प्रतीक बना। मयंक त्यागी, संयम त्यागी और वंश त्यागी जैसे आयोजकों ने इसे यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शाम ढलते ही रंग-बिरंगी लाइट्स और संगीत से निवाड़ी का आसमान जगमगा उठा, जिसने युवा शक्ति के जश्न को अविस्मरणीय बना दिया।





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