ग़ाज़ियाबाद : बृजेश कुमार। रविवार 12 मई को आर्य समाज मन्दिर इंदिरापुरम के प्रांगण में हर्ष भाटिया कोषाध्यक्ष का जन्मदिन, मीरा आर्या प्रधाना महिला प्रकोष्ठ का जन्मदिन तथा दिग्विजय सिंह आर्य मन्त्री व मीना रानी आर्या उप मंत्री महिला प्रकोष्ठ की 18वीं वैवाहिक वर्षगांठ बहुत हर्षोल्लास पूर्वक संस्कार के ज्ञाता आचार्य यशपाल शास्त्री द्वारा बहुत ही सुंदर ढंग से यज्ञ करवा कर मनाई गई। 

मधुर भजनों की प्रस्तुति अनिल आर्य, मुकेश आर्य गोस्वामी, विवेकानन्द, गीता वर्मा के द्वारा हुई। 

यशपाल शास्त्री ने बताया कि जन्मदिन केक काटकर नहीं मनाना चाहिए और मोमबत्ती बुझाकर नहीं मनाना चाहिए। बासी केक और मोमबत्ती फूंक कर बुझाने में थूक भी केक में मिलता है, वो कभी कभी बीमारी का कारण बनता है। हमें अपने ऋषि मुनि के संस्कार यज्ञ करके जन्मदिन एवम वैवाहिक वर्षगांठ मनानी चाहिए। 

मुख्य अतिथि संजीव तेवतिया ने  एक ऐतिहासिक स्मृति चिन्ह भेट किया। समाजसेवी विनोद त्यागी ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में बताया कि प्यार दिखाने की चीज नहीं है। प्यार अंदर से किया जाता है। पति पत्नी का प्यार सच्चा है तो शादी के जितने साल होंगे, उतना मजबूत होता जाता है। 

पूनम बंसल ने तीनो यजमानों को मनी प्लांट पौधा भेंट कर शुभकामनाएं दीं।

आर्य समाज इंदिरापुरम के मंत्री दिग्विजय सिंह आर्य, यज्ञ ब्रह्मा  यशपाल शास्त्री तथा प्रधाना मीरा आर्या ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।

आर्य समाज इंदिरापुरम के प्रधान प्रदीप आर्य ने बहुत सुंदर ढंग  से मंच का संचालन  किया। उपस्थित सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। आर्य समाज इंदिरापुरम की ओर से  देव दयानंद के चित्र को तीनो को भेंट किया।

आज के कार्यक्रम में राकेश आर्य, सुशील आर्य, गर्ग जी, जयप्रकाश सिंह आर्य, रविन्द्र चौहान, आर.पी.सिह आर्य, विमला देवी, शशि गुप्ता, प्रज्ञा आर्य, नीलम दुआ, राजरानी आर्या, मधु विरमानी, विद्या आर्या, सुनीता गुप्ता, सरिता आर्या, जयश्री सिन्हा, आदित्य, मोहित, नवनीत ग्रोवर, सुखविंदर सिंह, हरीश कडाकोटी पार्षद, ललित केडिया, हेमंत बाजपेई, रविंद्र तिवारी, मनोज गुप्ता, पराग गुप्ता, सरला रावत, आभा चौहान, शशि गुप्ता, सरिता आर्या, सुशीला आर्या, अनिता गुप्ता, विद्या आर्या, शशी प्रभा आर्या, शशि मलहन, देवेंद्र गुप्ता, अशोक बंसल, अरुणा बंसल, यज्ञवीर चौहान, ममता चौहान, यशवीर आर्य, श्रेष्ठ कुमार, गुलाव सिंह, मनोज राणा, आलोक चौहान आदि उपस्थित रहे।

अंत में शांति पाठ हुआ तथा ऋषि भोज के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।



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