ग़ाज़ियाबाद : बृजेश कुमार। महिला समन्वय संगठन ग़ाज़ियाबाद विभाग की बहनों ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में गाजियाबाद कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया तथा राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भी जिलाधिकारी को सौंपा।
इस मौके पर महिला समन्वय संगठन ग़ाज़ियाबाद विभाग की सह संयोजिका कविता गोयल ने कहा कि संदेशखाली (पश्चिम बंगाल) में महिलाओं बच्चों एवं परिवारों पर हो रहे अमानवीय अत्याचार एवं हिंसा बेहद शर्मनाक एवं चिंतनीय हैं। संदेशखाली में ऐसी घटनाएं निरंतर हो रही हैं। ईडी के अधिकारियों पर हमला होने के बाद और शहजाद शेख के फरार होने के बाद ही ऐसी घटनाएं सामने आ सकीं। राजनीति और धार्मिक कारणों से प्रेरित यह कृत्य पुलिस प्रशासन एवं पश्चिम बंगाल सरकार की नाकामी को उजागर करते हैं।
उन्होंने कहा कि संदेशखाली में बच्चों और महिलाओं के साथ बर्बरतापूर्वक व्यवहार, यौन उत्पीड़न, मारपीट की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।अपराधियों द्वारा जमीन हड़पने के मामले भी लगातार प्रकाश में आ रहे हैं। इन घटनाओं से पश्चिम बंगाल की महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा की चिंताजनक स्थिति सामने आई है। स्थिति इतनी भयावह है कि लगातार हो रहे अत्याचारों की घटनाओं के बाद भी पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की।
ग़ाज़ियाबाद विभाग समन्वय संगठन की सह संयोजिका ऋतु शर्मा ने कहा कि राजनीतिक धार्मिक एवं आर्थिक मुद्दों में महिलाओं एवं बच्चों को निशाना बनाना अत्यंत अमानवीय, अपमानजनक एवं पीड़ा दायक है। पश्चिम बंगाल में हो रहे इन कृत्यों के दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जानी अत्यंत आवश्यक है।
समन्वय संगठन ग़ाज़ियाबाद विभाग की संयोजिका दीप्ति शर्मा ने कहा कि दोषियों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में विचारण कर पीड़ितों को न्याय दिलाया जाए तथा पीड़ितों एवं उनके परिवारों को तत्काल सुरक्षा एवं आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। केंद्रीय गृह मंत्रालय तत्काल इन सभी घटनाओं का संज्ञान ले। राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा इन घटनाओं को लेकर दखल देना सराहनीय है।
इस मौके पर समन्वय संगठन की अपर्णा, निशु, संजू, ऋतु, ज्योति, उदिता, रेखा, उर्वशी, मनु, रेनू बंसल एवं अन्य बहनें भी उपस्थित रहीं।
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