नई दिल्ली : पुनीत माथुर। बिहार के सीतामढी का इतिहास रामायण काल का है और इसे वह स्थान माना जाता है जहां राजा जनक को सीता मिली थीं । इस शहर का पौराणिक महत्व तो जग जाहिर है ही साथ ही अपनी उच्च सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को भी यह शहर अपने में समेटे हुए है जिसके चलते यहां वर्ष भर विभिन्न सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियां होती रहती हैं।

इसी कड़ी में रविवार 26 नवंबर को स्थानीय रघुलीला रीसॉर्ट के सभागार में 'सीतामढ़ी काव्य महोत्सव' का भव्य आयोजन संपन्न हुआ।



नव भारती सेवा न्यास व माताश्री कौशल्या रामदेव डॉ. गणेश राय डिग्री कालेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों से गणमान्य व प्रतिष्ठित स्थानीय कवि शामिल हुए । महोत्सव में डॉ. रामचंद्र पूर्वे (उपसभापति बिहार विधान परिषद् ) मुख्य अतिथि रहे।

संस्था की सचिव कवयित्री प्रीति सुमन ने बताया कि यह महोत्सव तीन सत्रों - पुस्तक विमोचन, सम्मान - समारोह व विराट कवि सम्मेलन में संपन्न हुआ। कॉलेज के सचिव डॉ. गणेश राय ने बताया कि ऐसे आयोजन साहित्यिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ-साथ नये साहित्यकारों को प्रकाश में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

बैठक में सभी सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापन करने का कार्य प्रशाखा पदाधिकारी नेहा भारती ने किया।


कार्यक्रम में  शिरकत कर रहे मुख्य रचनाकारों में काठमांडू से करुणा झा, जमशेदपुर से उपासना सिन्हा,चेन्नई से ईश्वर करूण, मुंबई से कृष्णानंद दिक्षित, लखनऊ से बलवन्त सिंह, निवेदिताश्री, मुकेश कुमार मिश्रा, शीला वर्मा 'मीरा’, सहरसा से प्रियांक झा, खगड़िया से स्वराक्षी स्वरा, पटना से मोईन गिरिडीहवी, कमल नयन श्रीवास्तव, मधुरेश नारायण, शमा तसमीन नाज़ा रांची से, नीतू सिन्हा तरंग, समस्तीपुर से कुंदन आनंद, अर्चना चौधरी, बिहार शरीफ से रंजीत दुधु, गया से कुमार आर्यन, नालंदा से नवनीत कृष्ण, मुजफ्फरपुर से पंकज कर्ण, डॉ. आरती कुमारी, आस्था दीपाली, चांदनी समर, आमिर हमजा, मधुकर वनमाली, सीवान से नीलम श्रीवास्तव, हाजीपुर से नगेन्द्र मणि, रेणु शर्मा, दरभंगा से नैना साहू, डॉ. मनोज कुमार आदि शामिल हुए। 

आमंत्रित गणमान्य कवि-कवयित्रियों को प्रमाण पत्र एवं अंग वस्त्र दे कर आयोजकों द्वारा सम्मानित किया गया।

रामबाबू नीरव, विमल परिमल , संगीता चौधरी, धीरेन्द्र झा माणिक्य, कल्याणी शाही, रामकिशोर चकवा, सत्येंद्र मिश्र, बच्चा प्रसाद विह्वल, मुरलीधर मधुकर आदी सीतामढ़ी के वरिष्ठ कवियों ने सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं दीं।

देखिए आयोजन की एक झलक...



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