इंदौर : बृजेश श्रीवास्तव। बृहस्पतिवार 26 अक्टूबर। शिवराजसिंह चौहान का प्रदेश की गरीब जनता के साथ किया गया एक बेहद घृणित और षड्यंत्रकारी चेहरा सामने आया है।

देखिए एक सनसनीखेज खुलासा -

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता  अलका लांबा ,चरण सिंह सपरा ने अपनी सयुक्त प्रेस वार्ता में गंभीर मुद्दों पर मीडिया का ध्यान आकर्षित करते हुए बताया कि मप्र के मुख्यमंत्री ने अगस्त माह में बुंदेलखंड के नौगांव में एक कार्यक्रम में जनता से कहा कि "मुझे बताया गया है कि बिजली के बिल बहुत ज्यादा आ रहे हैं, और जनता से पूछा तो जनता ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हाँ बहुत ज्यादा आ रहे हैं। तब शिवराज ने मंच से घोषणा की कि मैं गरीब जनता के जिनके कनेक्शन एक किलोवॉट तक के हैं, उनके बिजली के बिल छोड़ता हूँ और समीक्षा करके बढ़े हुए बिल मैं भरूंगा अर्थात शिवराज सरकार भरेगी।

यहीं से शुरू हो गई शिवराज सरकार की बेईमानी और धोखेबाजी की कहानी। आईये इसे सिलसिलेवार देखें-

1. शिवराज सिंह की इस घोषणा के बाद मप्र शासन के ऊर्जा विभाग ने 01 सितम्बर 2023 को एक आदेश जारी दिया। आदेश की कॉपी संलग्नक A1 है। बेईमानी यहीं से शुरू हो गई बिल माफी की बजाय 1 किलोवॉट तक के सभी उपभोक्ताओं के बिलों की राशि को टेंपरेरी तौर से स्थगित (यानि अस्थगित ) कर दिया। एक फूटी कौड़ी का बिल माफ नहीं किया और एक उपभोक्ता का एक पैसे का बिल माफ नहीं हुआ।

2. शिवराज सरकार का धोखा और फरेब और घिनौना है। 01 सितंबर, 2023 (A1 ) का आदेश जारी होने से पहले ही मध्य प्रदेश के गरीब बिजली उपभोक्ताओं के साथ घृणित षड्यंत्र किया गया।

तीनों विद्युत वितरण कंपनियों अर्थात पूर्व क्षेत्र, पश्चिम क्षेत्र एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों ने एक किलोवॉट के लगभग 80 से 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं के भार को दो किलोवॉट कर दिया, ऐसे तकरीबन 18-20 लाख उपभोक्ता हैं। यह इसलिए किया ताकि शिवराजसिंह द्वारा टेंपरेरी बिल स्थगन करने का लाभ भी गरीब परिवारों को न मिल सके।

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधीन 21 जिलों के 38 डिवीजन के डेटा का जब अध्ययन किया तो यह पाया कि 3,85,953 उपभोक्ताओं को बगैर सूचित किये उनके भार की वृद्धि कर दो किलोवॉट कर दिया गया। 

3. अब धोखे का तीसरा पहलू देखें कपटी भाजपा सरकार का यह कृत्य मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2021 की प्रक्रिया के खिलाफ है, जिसकी कंडिका 7.3, 7.4 और 7.17 में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि उपभोक्ता द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन दिया जायेगा तथा एक अनुबंध कर मप्र विद्युत नियामक आयोग विनियम में विनिर्दिष्ट पंजीकरण शुल्क की राशि के साथ जमा की जाएगी और उपभोक्ता की मौजूदगी में मूल्यांकन कर ही भार वृद्धि की जायेगी।

मगर चौकाने वाले तथ्य सामने आये हैं कि न तो उपभोक्ता ने आवेदन किया, न पंजीकरण शुल्क जमा किया गया, न ही विद्युत विभाग द्वारा मौका मुआयना किया गया और फर्जी तरीके से शिवराज सरकार ने लाखों उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन की भार वृद्धि कर दी।

4. धोखे का चौथा पहलू देखें - बिजली विभाग द्वारा प्रति किलोवॉट पर 150 यूनिट बिजली की खपत का आकलन किया गया है। यानी अगर गरीब उपभोक्ताओं का लोड दो किलोवॉट कर दिया गया, तो उसकी आकलित खपत भी 300 यूनिट हो जाएगी। अर्थात चोर रास्ते से जेब पर डाका।

इस बात से साबित होता है कि शिवराज सिंह रेडियो गप्पिस्तान की जो हजारों घोषणाएं हैं, उनकी बुनियाद खोखली और सरासर धोखे पर टिकी है।

शिवराज ने माना, कांग्रेस सरकार ने किया था महंगी बिजली का अंधेरा दूर, सस्ती बिजली की रोशनी दी भरपूर :-

शिवराज सिंह चौहान के 5 अगस्त 2023 को नौगाँव में दिये गये इस बयान ने कि गरीबों के बिजली के बिल बहुत आ रहे हैं, खुद अपनी सरकार को बेनकाब कर दिया। याद रहे कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार "इंदिरा गृह ज्योति योजना" लेकर आयी थी, जिसके तहत 150 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को पहली 100 यूनिट पर मात्र एक रूपये यूनिट बिजली का बिल देना होता था। कांग्रेस सरकार में 01 करोड़ 15 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से 01 करोड़ 02 हजार उपभोक्ता जो 150 यूनिट तक बिजली खपत करते थे, इस योजना के दायरे में आ गये थे तथा 87 लाख उपभोक्ताओं के बिजली का बिल 100 रूपये से कम आता था। प्रदेश के किसानों को 44 पैसे प्रति यूनिट तक 10 हॉर्स पॉवर की मोटर पर चुकाने होते थे, जो देश की सबसे सस्ती बिजली थी।

अब कांग्रेस ने वचन दिया है कि 100 यूनिट तक खपत करने वाले प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली का कोई बिल नहीं चुकाना होगा, साथ ही 200 यूनिट तक के उपभोक्ताओं का बिजली बिल हाफ हो जायेगा तथा 05 हॉर्स पॉवर तक की मोटर उपयोग करने वाले किसानों को बिजली का कोई बिल नहीं देना होगा।

रेडियो गप्पिस्तान, शिवराज सिंह चौहान से हमारे पाँच सवाल:-

1. क्या एक किलोवॉट तक के 20 लाख गरीब उपभोक्ताओं में से 1 उपभोक्ता की एक फूटी कौड़ी भी माफ हुई?

2. क्या एक किलोवॉट तक के उपभोक्ताओं के बिजली के बिल अस्थगित करने के आदेश जारी करने के पहले षड्यंत्रपूर्वक तरीके से उपभोक्ताओं का बिजली कनेक्शन का भार दो किलोवॉट कर दिया गया?

3. क्या प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों को उनके कनेक्शन के भार को बढ़ाने के पहले उन्हें सूचित किया गया था, या उनकी सहमति ली गई थी, या उनके लोड का आकलन किया गया था?

4. क्या ये लाखों गरीब परिवार दो किलोवॉट के कनेक्शन के साथ गरीबी रेखा की परिधि से षडयंत्रपूर्वक तरीके से बाहर कर दिए गए हैं?

5. क्या शिवराज सरकार की सारी घोषणाएं ऐसे ही धोखे और झूठ की बुनियाद पर रखी गई है। आज इस मुख्य प्रेसवार्ता में अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता चरण सिंह सपरा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा, कार्यवाहक अध्यक्ष गोलू अग्निहोत्री, सच सलूजा, प्रदेश प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला, अमीनुल खान सूरी, संभागीय प्रवक्ता अमित चौरसिया, विवेक खंडेलवाल, अनूप शुक्ला, आनंद जैन कासलीवाल आदि उपस्थित रहे।

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