ग़ाज़ियाबाद। 31 अगस्त। दो धागों की पवित्रता सिर्फ भारत जैसा अतुलनीय देश ही समझ सकता है। आज पूरा भारतवर्ष हर्ष और उल्लास से इस पर्व को  मनाता है।

हमारा भारत विविधताओ का देश है। उसके बाबजूद भी आज तक इस पवित्रता के त्यौहार को किसी भी सरकार ने गैजिस्ट्रेट हॉलीडे के रूप में घोषित नही किया। जबकि ये किसी प्रांत राज्य या धर्म विशेष का त्यौहार नही है। बल्कि संपूर्ण जाति धर्म राज्य के लोग इस विशेष त्यौहार को मनाते हैं। यही एक मात्र ऐसा त्यौहार है जिसमें कोई भी द्वेष तेरा मेरा या द्वंद और राजनीति नही होती।

अगर सामाजिक सरोकार के दृष्टिकोण से देखा जाए या जनता का वोट भी करा लिया जाए तो सारे देश के द्वारा संदेश साफ हो जाएगा।

एक लेखक होने के नाते मैं पहली बार देश की सरकार से इस लेख के द्वारा यह अपील करता हूँ कि देश की संस्कृति और धरोहर पर चार चांद लगाते हुए सरकार को इस विशेष त्यौहार को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना चाहिए एवं इस त्यौहार को राष्ट्रीय पर्व के रूप में भारत के संविधान में घोषित करना चाहिए।

स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक

आशीष सक्सेना

आशीष मुरादाबादी "बेबाक"



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