साहिबाबाद। रविवार को शिप्रा सनसिटी, इंदिरापुरम में छठ का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हज़ारों श्रद्धालुओं ने डूबते हुए सूर्य को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। 

संवाददाता से बातचीत में मुख्य आयोजक सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि देश में शायद बिहार इकलौता राज्य है जहां की महिलाएं साल भर में कम से कम एक दिन अपने खानदान के लिए बेटी मांगती हैं। छठ पर्व के पावन अवसर पर गाए जाने वाले गीतों में वे गाती हैं:-

"रूनकी झुनकी बेटी मांगीला,

पढ़ल पंडितवा दामाद, ए छठी मईया दर्शन दिहिन न अपान।"

मतलब हमें घर में सिमटी-सकुचाई रहने वाली बेटी नहीं चाहिए बल्कि हमें ऐसी बेटी चाहिए जिनके कदमों की आवाज से सब कुछ गुंजता रहे और इन बेटियों के लिए जो वर मिले व पैसे वाला हो या नहीं पर पढ़ा-लिखा जरूर हो। केवल प्रार्थना गीतों में ही नहीं छठ पर्व के कई मौके पर बिहार की संस्कृति में महिलाओं के लिए सम्मान प्रतीक देखने को मिलता है। इसलिए हमेशा लड़कियों का सम्मान करें।

सूर्योपासना व लोक आस्था के पावन छठ महापर्व की सभी को सपरिवार हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। भगवान भास्कर सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करें।

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