नई दिल्ली : पुनीत माथुर। क्रिकेट विश्व कप 1983 में विजेता भारतीय टीम का हिस्सा रहे पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा का मंगलवार को निधन हो गया है। उनकी मृत्यु हार्ट अटैक से हुई। उनके निधन के बाद क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई। 

यशपाल के निधन की खबर पाकर पूर्व कप्तान कपिल देव भी आंसू नहीं रोक पाए और फूट-फूट कर रो पड़े। जब भारत ने साल 1983 में पहली बार वेस्टइंडीज को हराकर विश्व कप जीता था। कपिल देव यशपाल शर्मा के साथ बिताए दिनों को याद कर भावुक हो गए। 

कपिल देव ने कहा, “मुझे तो अभी भी लग रहा है कि ये सच नहीं है। समझ ही नहीं आ रहा मुझे… अभी हम पिछले हफ्ते मिले थे… और बहुत ही अच्‍छे स्‍वभाव में थे, खेलकूद रहे थे हम सब मिलकर।

यशपाल शर्मा का भारतीय क्रिकेट में काफी योगदान रहा। वह टीम इंडिया के चयनकर्ता भी रहे।  यशपाल शर्मा ने भारत के लिए 37 टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने 1606 रन बनाए। टेस्ट मैचों में य़शपाल का सर्वोच्च स्कोर 140 रन रहा। 

क्रिकेट के सबसे बड़े प्रारूप में उनके नाम 2 शतक और 9 अर्धशतक दर्ज हैं। इसके अलावा उन्होंने भारत के लिए 42 एकदिवसीय मैच खेले जिनमें 4 अर्धशतक सहित उनके बल्ले से 883 रन निकले। वनडे क्रिकेट में यशपाल का सर्वोच्च स्कोर 89 रन रहा। इसके अलावा यशपाल ने 160 प्रथम श्रेणी मैचों में 8933 रन बनाए। जिनमें उन्होंने 21 शतक और 46 अर्धशतक लगाए। वहीं लिस्ट ए के 741 मैचों में उनके नाम 1859 रन दर्ज हैं जिनमें वह 12 शतक लगाने में सफल रहे। 

25 जून 1983 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच लॉर्डस पर खेले गए विश्व कप फाइनल में यशपाल शर्मा चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे थे। इस दौरान उन्होंने सधी हुई बल्लेबाजी करते हुए 11 रनों की पारी खेली। भारत ने इस फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज को 43 रनों से हराकर पहली बार विश्व कप जीता।

वहीं ,कपिल देव ने कहा, “मुझे तो अभी भी लग रहा है कि ये सच नहीं है। समझ ही नहीं आ रहा मुझे… अभी हम पिछले हफ्ते मिले थे… और बहुत ही अच्‍छे थे, खेलकूद रहे थे हम सब मिलकर। भगवान की जो मर्जी है, उससे हम लड़ नहीं सकते। हां भगवान को आज पूछेंगे जरूर कि ऐसा क्यों किया…”

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