🙏जय श्री राधे कृष्णा 🙏 


आज का ये श्लोक श्रीमद्भगवद्गीता के अट्ठारहवें अध्याय 'मोक्षसंन्यासयोग से ही ..


मन्मना भव मद्भक्तो मद्याजी मां नमस्कुरु ।

मामेवैष्यसि सत्यं ते प्रतिजाने प्रियोऽसि मे ॥

(अध्याय 18, श्लोक 65)


इस श्लोक का भावार्थ : (भगवान श्री कृष्णा कहते हैं) -हे अर्जुन! तू मुझमें मनवाला हो, मेरा भक्त बन, मेरा पूजन करने वाला हो और मुझको प्रणाम कर। ऐसा करने से तू मुझे ही प्राप्त होगा, यह मैं तुझसे सत्य प्रतिज्ञा करता हूँ क्योंकि तू मेरा अत्यंत प्रिय है।


आपका दिन मंगलमय हो !  


पुनीत माथुर, 

ग़ाज़ियाबाद।

Share To:

Post A Comment: