नयी दिल्ली। हाल ही में किए गए एक शोध के मुताबिक ओ ब्लड ग्रुप वालों में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम बना रहता है। अगर ओ ब्लड ग्रुप वाले लोग संक्रमण की चपेट में आ भी जाते हैं तो गंभीर परिणामों की आशंका कम हो जाती है।
शोधकर्ता और यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न डेनमार्क के टोर्बन बैरंगटन इस अध्ययन के लिए 4.73 लाख से ज्यादा लोगों की कोरोना वायरस की जांच की। इस अध्ययन में पाया गया कि जितने लोग कोरोना संक्रमित थे, उनमें ओ पॉजिटिव वाले काफी कम थे।
शोधकर्ता ए, बी और एबी ब्लड ग्रुप के मध्य संक्रमण की दर में कोई खास अंतर नहीं ढूंढ पाए। शोधकर्ताओं के मुताबिक अगर ए और एबी ब्लड ग्रुप वाले लोग कोरोना की चपेट में आ जाते हैं तो उनको सांस लेने में काफी दिक्कत होती है। वहीं, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में करीब 48 फीसदी आबादी का ब्लड ग्रुप ओ है। हालांकि यह अभी भी गुत्थी है कि कैसे ये रक्त समूह विभिन्न बीमारियों को लेकर अलग-अलग असर डालते हैं।
इसी रहस्य पर से पर्दा उठाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई संस्थानों ने जेनेटिक टेस्टिंग करने वाली कंपनी ‘23एंडमी’ के जरिए दस लाख पांच हजार लोगों के थूक का नमूना लेकर जेनेटिक टेस्ट कर डीएनए रिपोर्ट तैयार की। इन दस लाख लोगों के कोविड के संक्रमित होने या न होने की जानकारी लेने के साथ उनके जीनोम से तुलना की गई तो नतीजा निकलकर आया कि ओ ब्लड ग्रुप के लोगों के पॉजिटिव होने की संभावना बेहद कम है। यह अध्ययन पिछले हफ्ते रिसर्च साइट मेडआरएक्सिव में भी अपलोड किया गया।
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