नई दिल्ली : पुनीत कृष्णा। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर में बुधवार को एक जांबाज जवान ने अपनी जान पर खेलकर 3 साल के मासूम को बचाकर इंसानियत की मिसाल  पेश की। 

दरअसल बुधवार को आतंकियों ने सोपोर के रेबन मॉडल टाउन में सीआरपीएफ की पार्टी पर हमला कर दिया। हमला सरेआम एक बाजार में किया गया। हमले में CRPF के दो जवान शहीद हो गए। जबकि एक जवान घायल है। दो नागरिकों की भी आतंकियों की गोली से मौत हो गई। इनमें एक 60 साल के बुजुर्ग बशीर अहमद भी हैं।


बशीर अपने 3 साल के नाती सोहेल की जिद की वजह से उसे बाजार लेकर आए थे। गोलीबारी के बीच बशीर को भी गोली लगी तो वहीं सड़क पर गिर पड़े। 

गोलीबारी के बीच सोहेल नाना बशीर के शव पर तब तक बैठा रहा जब तक जवान ने उसे वहां से हटाया नहीं। सोहेल को ये नहीं पता था कि उसके नाना के साथ क्या हुआ है। जमीन पर खून से लथपथ नाना के शव पर वह उसी तरह बैठा था जैसे कभी वो उनकी गोद में खेलता होगा। लेकिन नाना का शरीर गोलियों से छलनी था और उनके कपड़े खून से सने थे। जवानों ने जब सोहेल को बुलाया तो सोहेल एक जवान के पास गया।


उस समय भी गोलीबारी चल रही थी। बच्चा नाना के शव से उठकर उस जवान की तरफ बढ़ा। इसके बाद एक जवान बच्चे को सुरक्षित एनकाउंटर वाली जगह से दूर ले गया। ताकि बच्चा सुरक्षित रह सके। सोहेल रो रहा था। वह डरा हुआ था। बच्चे को बिस्किट और चॉकलेट दिया गया। लेकिन उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था।


इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस की वैन में बच्चे को उसके घर पहुंचाया गया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें बच्चा रोते हुए घर और अपनी मां के पास जाने की बात कर रहा है। पुलिस वाले उसे समझा रहे हैं। आज यानी 1 जुलाई 2020 की एक तस्वीर लोग हमेशा याद रखेंगे।


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