नई दिल्ली : पुनीत माथुर।  दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में धरना-प्रदर्शन की वजह से सड़क बंद होने के मामले पर सुनवाई करने को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। कोर्ट ने कहा कि हम समझ सकते हैं कि समस्या हो रही है। कोर्ट इस याचिका पर 10 फरवरी को सुनवाई करेगा।

इस मामले में भाजपा नेता नंदकिशोर गर्ग और वकील अमित साहनी ने अलग-अलग याचिका दायर की हैं।

गर्ग ने याचिका में कहा है कि शाहीनबाग में प्रदर्शन को हटाया जाए ताकि कालिंदी कुंज और शाहीनबाग का रास्ता खुल सके। याचिका में इसके लिए केंद्र सरकार और संबंधित विभाग को दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है।

याचिका में ये भी मांग की गई है कि सार्वजनिक स्थलों पर धरना-प्रदर्शन को प्रतिबंधित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को दिशा-निर्देश बनाने का आदेश दे।

वकील अमित  साहनी ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि जाम से लोगों को दिक़्क़तों का सामना करना पड़ा रहा है लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने कोई खास दिशा-निर्देश देने के बजाए मामला पुलिस को देखने के लिए कह कर बंद कर दिया।

14 जनवरी को हाइकोर्ट ने पुलिस और सरकार से कहा था कि सभी संबंधित विभाग इस मुद्दे को देखें। सरकारी नियमों और कानून के हिसाब से काम करें।

चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने पुलिस को निर्देश दिया था कि वे जनहित को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करें। कानून-व्यवस्था का भी ध्यान रखें।

17 जनवरी को हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से फिर कहा कि वो लोगों की ट्रैफिक की समस्या पर गौर करें। जस्टिस नवीन चावला ने दिल्ली पुलिस से कहा कि स्कूल जाने वाली छात्रोंं की समस्याओं पर गौौर करें क्योंकि उनका बोर्ड एग्जाम नजदीक है।

याचिका में कहा गया था कि पिछली 15 दिसम्बर से नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में प्रदर्शन की वजह से ये रास्ता बंद है। याचिका में कहा गया था कि इस रास्ते के बंद होने की वजह से लोगों को डीएनडी एक्सप्रेस-वे और आश्रम के वैकल्पिक रूट से जाना पड़ता है।
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