ग़ाज़ियाबाद : बृजेश श्रीवास्तव। मंगलवार 6 जून। विवेकानंद सरस्वती विद्या मंदिर, राजेंद्र नगर सेक्टर 3 साहिबाबाद में दिनांक 4 जून 2023 से समिति शिक्षा वर्ग चल रहा है। वर्ग का शुभारंभ सायंकाल 4 बजे हुआ। मेरठ प्रांत की विभिन्न शाखाओं से आई हुई सेविकाओं का एकत्रीकरण, नामांकन, विधिवत हवन पूजन आरती के साथ शिविर का उदघाटन हुआ। राष्ट्र देव की आराधना कल्याण हेतु प्रार्थना, शांति पाठ के साथ पूजा संपन्न हुई। 

सत्र के पश्चात दीप प्रज्वलन ध्वज वंदन, प्रार्थना हुई। केंद्रीय अधिकारी अदिति धर्मराज कटारे का उदबोधन हुआ। जिसमें उन्होंने समिति के कार्य में अपना योगदान देने के उद्देश्य से प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु एकत्रित सेविकाओं को चंद्रमा एवं सूरज से प्रेरणा लेकर नियमित, निरंतर, अनुशासित, संयमित भाव से राष्ट्रीय कार्य में संलग्न होने की अभिप्रेरणा दी। इसके पश्चात वंदे मातरम के साथ सत्र का समापन हुआ। 

प्रबोध वर्ग में चर्चा का विषय था भारत की अवनति के कारण। चर्चा में सभी बहनों की सहभागिता रही। सभी ने अपने अपने विचार रखे तथा महत्वपूर्ण बिंदुओं को अपनी डायरी में नोट कर लिया। सायं जलपान के उपरांत शरीरिक प्रारंभ हुआ। सभी बहनों का अलग-अलग गट में विभाजन करके क्रमशः प्रत्येक गट को आचार पद्धति, नि-युध् , योग चाप और खेल सिखाये गए और अंत में प्रार्थना। 

सायंकाल समस्त सेविकाओं का बौद्धिक कक्ष में एकत्रीकरण दीप प्रज्वलन सायं स्मरण विभिन्न प्रकार का ताली वादन भजनों उपरांत एक घंटे का सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सत्र आयोजित हुआ।

अंत में वंदे मातरम के साथ सत्र संपन्न हुआ। इस प्रकार शिविर के द्वितीय दिवस की पूरी दिनचर्या अदिति धर्मराज के मार्गदर्शन में विधिवत संपूर्ण हुआ। 

आज प्रातः 5 बजे सेविकाओं का एकत्रीकरण प्रातः स्मरण में ईश्वर की आराधना से दिवस का शुभारंभ हुआ। योगासन ध्वजारोहण ध्वज वंदन पश्चात शाखा। तत्पश्चात स्नान ध्यान जलपान पश्चात घोष अभ्यास, गीत अभ्यास। उसके बाद बौद्धिक सत्र का आयोजन जिसमें प्रवेश वर्ग में प्रांत सह बौधिक प्रमुख ममता गर्ग का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। समिति कार्य ईश्वरीय कार्य विषय पर उन्होंने अपने विचार रखे जैसे सज्जनों का संरक्षण, दुष्टों का विनाश, धर्म की स्थापना, ईश्वर करते हैं उसी तरह समिति भी यही तीन कार्य करती है। 

प्रबोध वर्ग में बौद्धिक प्रदाता अतिथि केंद्रीय टोली की सदस्य हैं, नाट्यकला में रुचि रखती हैं। समिति कार्य की पृष्ठभूमि विषय पर उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला। मध्य अवकाश में भोजन विश्राम के उपरांत चर्चा सत्र का आयोजन हुआ। प्रवेश वर्ग में चर्चा का विशेष था "भारत हमारी मां है"।



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