नई दिल्ली (पुनीत माथुर) : पुणे के बीजे मेडिकल कॉलेज में हुए शोध के दौरान यह सामने आया कि खसरे की वैक्सीन कोविड के खिलाफ 87 फीसदी तक असरदार है और जिन बच्चों को वैक्सीन लगी थी, उन्हें कोरोना संक्रमण की आशंका, टीका नहीं लगवाने वाले बच्चों की तुलना में कम थी.

पुणे स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज द्वारा किए गए शोध में यह बात सामने आई है कि खसरे का टीका कोविड संक्रमण से बच्चों की सुरक्षा कर सकता है. इस शोध में एक साल से लेकर 17 साल तक के 548 बच्चों को शामिल किया गया था.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इस शोध के लिए बच्चों के दो समूह बनाए गए. इसमें एक समूह कोरोना संक्रमित (आरटीपीसीआर जांच से पुष्ट) बच्चों का था और दूसरा गैर संक्रमित बच्चों का था. शोध के दौरान यह सामने आया कि खसरे की वैक्सीन कोविड के खिलाफ 87 फीसदी तक असरदार है और जिन बच्चों को वैक्सीन लगी थी, उन्हें कोरोना संक्रमण की आशंका, टीका नहीं लगवाने वाले बच्चों की तुलना में कम थी.

पुणे में हुए शोध के परिणामों के बाद उन दावों की पुष्टि हुई है, जिनमे कहा जा रहा था कि बच्चे, कोविड संक्रमण से अधिक सुरक्षित हैं क्योंकि उन्हें खसरा और बीसीजी का टीका लगा हुआ है. दोनों टीके लगने के बाद उनमें नॉन स्पेसिफिक इम्यूनिटी मौजूद है. खसरा टीका, बीते 36 सालों से भारत के टीकाकरण व्यवस्था का हिस्सा है.

पुणे में हुआ यह शोध हाल ही में इंटरनेशनल जर्नल ह्यूमन वैक्सीन एंड इम्यूनोथेरेपेटिक में प्रकाशित हुआ है. शोध करने वालों कहना है कि उनकी स्टडी के रिजल्ट सकारात्मक हैं, लेकिन इसके लिए बड़े स्तर पर ट्रायल की आवश्यकता है. शोध की अगुवाई करने वाले नीलेश गुजर के मुताबिक रैंडम क्लिनिकल ट्रायल के जरिए इस नए खोज की पुष्टि की जा सकती है.

बता दें कि खसरे का टीका, जन्म के 9वें और 15वें महीने में लगाई जाती है. साल 2018 में केंद्र सरकार ने 18 साल से कम उम्र की बच्चों के लिए  योजना शुरू की थी. इसके तहत जिन लोगों को अब तक यह टीका नहीं लगा था, उन्हें भी इसकी खुराक दी जानी थी.



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