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🌷एक ग़ज़ल........


गीत खुशियों भरे गुनगुनाते रहो, 

प्यार के साथ रिश्ते निभाते रहो । 


एक दिन ये हक़ीक़त ही बन जाएगा,

ख्वाब आँखों में अपनी सजाते रहो।


ख़ुद की ख़ातिर तो सब काम करते सदा,

दूसरों के भी कुछ काम आते रहो।


हमको धोखे मुहब्बत में काफ़ी मिले, 

तुम जो चाहो तो दिल को लगाते रहो।


मेरी बातें अगर झूठ लगती हैं तो, 

जैसे चाहो मुझे आज़माते रहो।


आप मदहोशी में चाहते रहना गर, 

उनकी नज़रों से नज़रें मिलाते रहो।


एक दिन तो सभी को है जाना मगर, 

जब तलक भी जिओ मुस्कुराते रहो।


© पुनीत माथुर, ग़ाज़ियाबाद 

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