आओ हम
कुछ काम बांट लें ...
तुम संवरो - मैं नज़र उतारुंं
तुम हंसो - मैं तुम्हें निहारुंं
तुम छुपो - मैं ढूंढ लाऊं
तुम पूछो - मैं कह न पाऊं
तुम सो - मैं सपनों में आऊं
तुम गाओ - मैं गीत बन जाऊं
तुम रुठो - मैं तुम्हें मनाऊंं
तुम ग़र बिछड़ो - मैं मर जाऊं
आओ हम
कुछ काम बांट लें ।
पुनीत कृष्णा
एडिटर न्यूज़ लाईव टुडे
ग़ाज़ियाबाद
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