ग़ाज़ियाबाद : बृजेश श्रीवास्तव। रविवार 28 मई। गर्मियों की छुट्टियों का उपयोग अब पाठ्यपुस्तक के अलावा जीवन को बेहतर बनाने वाली स्किल्स को सीखने में खूब किया जा रहा है। बच्चे भी इन समर कैंप का उपयोग अपनी हॉबी को पूरा करने के लिए कर रहे हैं। 

सीके मॉर्डन स्कूल, इंदिरापुरम में भारत विकास परिषद, संकल्प शाखा के सहयोग से समर कैंप चल रहा है। आज इस कैंप में बच्चों को जहां एक ओर यौन उत्पीड़न के प्रति सजग रहना सिखाया गया। वहीं मेहंदी लगाने की स्किल भी सिखाई गई। 

एक आंकड़े के अनुसार हर मिनट एक बच्चा बैड टच का शिकार होता है। यह खतरा केवल बच्चियों तक सीमित नहीं है, बल्कि वर्तमान में लड़के भी इसके शिकार हो रहे हैं। 

समाज सेवी और स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. मंजू वारिख ने बच्चों को बैड टच और गुड टच में अंतर बताया और किसी भी प्रकार के बैड टच होने पर इसकी शिकायत अपने टीचर या पेरेंट्स से तुरंत करने के बारे में समझाया। किसी भी बैड टच को नजरंदाज करना भविष्य में बड़ा खतरा बन जाता है। उन्होंने मासिक धर्म के टैबू के बारे में भी बच्चियों को बताया। उन्होंने बच्चियों को समझाते हुए कहा कि यह अत्यंत प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसे शर्म की बात या बीमारी नहीं समझना चाहिए। 

डा. मंजू ने इन विषयों पर बच्चों द्वारा पूछे गए सवालों का उत्तर भी दिया और उनकी जिज्ञासा को शांत किया। साथ ही साथ भारत विकास परिषद की तरफ से बच्चियों को सेनेटरी पैड भी वितरित किये गए।

आज चंद्रिका शुक्ला ने बच्चों को विभिन्न प्रकार की रंगोली बनाना सिखाया। उन्होंने बच्चों को मेहंदी के डिजाइन बनाने सिखाए। चंद्रिका शुक्ला ने बताया कि निम्न आय वाले बच्चे अपने इस हुनर से अपने पेरेंट्स की सहायता भी कर सकते हैं और अपनी उच्च शिक्षा का खर्च भी  स्वयं वहन कर सकते हैं। 

सीके मॉर्डन स्कूल की प्रधानाचार्या रूबी त्यागी ने बच्चों को पोक्सो एक्ट के बारे में बताया जो बच्चों को किसी प्रकार के यौन उत्पीडन से रक्षा के लिए बनाया गया कानून है। 

अंत में विद्यालय के संचालक सुमित त्यागी ने मेंटर्स, छात्रों और पेरेंट्स को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद कहा।

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