नई दिल्ली : पुनीत माथुर । हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार दिलीप कुमार नहीं रहे। सिल्वर स्क्रीन पर अपनी अदाकारी से लोगों को रुला देने वाले दिलीप को दुनिया 'ट्रेजडी किंग' बुलाती थी। 98 साल के दिलीप कुमार ने भारतीय सिनेमा में मेथड ऐक्टिंग की शुरुआत की। ब्लैक ऐंड वाइट फिल्मों के दौर में दिलीप कुमार और देव आनंद, हिंदी सिनेमा के दो सबसे बड़े हस्ताक्षर रहे। दुर्भाग्य से, दोनों ही अब इस दुनिया में नहीं हैं।
दिलीप कुमार के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक प्रकट किया है। एक ट्वीट में मोदी ने कहा, "दिलीप कुमार जी को एक सिनेमाई लीजेंड के रूप में याद किया जाएगा। उन्हें असामान्य प्रतिभा मिली थी, जिसकी वजह से उन्होंने कई पीढ़ियों के दर्शकों को रोमांचित किया। उनका जाना हमारी सांस्कृतिक दुनिया के लिए एक क्षति है। उनके परिवार, दोस्तों और असंख्य प्रशंसकों के प्रति संवेदना।" पीएम मोदी ने कुमार की पत्नी सायरा बानो से फोन पर बात की और उन्हें ढांढस बंधाया।
लंबे समय से बीमार थे दिलीप कुमार
आखिरी बार 1998 में आई फिल्म 'किला' में दिखे दिलीप कुमार लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने बुधवार सुबह मुंबई के हिंदुजा अस्पताल के आईसीयू में अंतिम सांस ली। 1944 में ‘ज्वार भाटा’ से अपना फिल्मी करिअर शुरू करने वाले दिलीप कुमार अगले पांच दशक तक सक्रिय रहे। उन्होंने मुगल-ए-आजम, देवदास, नया दौर, मधुमति तथा राम और श्याम जैसी कई हिट फिल्में दीं।
Post A Comment: